लालकुआं विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस और भाजपा डैमेज कंट्रोल नहीं कर सकीं। कांग्रेस संध्या डालाकोटी को बैठाने में नाकामयाब रही तो भाजपा भी पवन चौहान को नहीं समझा सकी।
संध्या डालाकोटी को पार्टी ने लालकुआं विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी बनाया था। दो दिन बाद उनका टिकट काटकर पूर्व सीएम हरीश रावत को मैदान में उतार दिया। संध्या समर्थक इसके बाद से ही बागी तेवर अपनाए हुए थे। संध्या ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन करा दिया। रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने डैमेज कंट्रोल की जिम्मेदारी कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय सचिव प्रकाश जोशी को सौंपी।सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार रविवार को दिनभर जोशी ने संध्या के आवास पर डेरा डाले रखा और उनको समझाने की हर संभव कोशिश की। रविवार की दोपहर रावत खेमे में बधाई का संदेश पहुंचा तो सभी ने राहत की सांस ली। हालांकि यह खुशी बहुत देर तक नहीं रही और कुछ देर बार अफसोस का संदेश रावत खेमे में पहुंच गया। मतलब पहले संध्या डालाकोटी के मान जाने का संकेत था तो बाद में तय हो गया कि वह चुनाव मैदान में डटी रहेंगी। जोशी सोमवार को फिर संध्या डालाकोटी के घर पहुंचे और उन्हें समझाने की नए सिरे से कवायद शुरू की। घड़ी की सुई तेजी से बढ़ रही थी और सभी की निगाह गौलापार पर लगी हुई थी। दोपहर दो बजे तक जब कोई खबर नहीं आई तो रावत खेमा मान चुका था कि अब सकारात्मक संदेश आने की संभावना कम है। जोशी से जब इस संबंध में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि रविवार और सोमवार को संध्या डालाकोटी को समझाने का प्रयास किया मगर सफलता नहीं मिली। दूसरी ओर भाजपा भी पवन चौहान को चुनावी मैदान से दूर नहीं कर पाई। राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा रही कि संध्या डालाकोटी मैदान में डटी रहे इसके लिए कुछ नेता भी सक्रिय थे। ऐसे नेताओं ने डालाकोटी तक किसी न किसी माध्यम से संदेश तक भिजवाया।
ब्राह्मण, क्षत्रिय और दलित वोटरों पर रहेगी नजर
हल्द्वानी। प्रदेश के 70 विधानसभा क्षेत्रों में लालकुआं विधानसभा क्षेत्र पर सभी की नजर लगी हुई है। लालकुआं विधानसभा क्षेत्र में ब्राह्मण, क्षत्रिय और दलित मतदाता प्रत्याशी के भाग्यविधाता होंगे।
लालकुआं विधानसभा क्षेत्र में कुल 1,17,719 मतदाता हैं। इनमें 61,517 पुरुष और 56,148 महिला मतदाता हैं। जाति के अनुसार अगर मतदाताओं की बात की जाए तो ब्राह्मण मतदाता सबसे अधिक 37 प्रतिशत हैं जबकि 32 प्रतिशत के साथ दूसरे नंबर पर क्षत्रिय मतदाता हैं। वैश्य 1.3, अनुसूचित जनजाति 0.2, अनुसूचित जाति 16, मुस्लिम 5, सिक्ख 2 और अन्य तीन प्रतिशत हैं। कांग्रेस से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत मैदान में हैं जबकि भाजपा से मोहन बिष्ट और भाजपा के बागी निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में पवन चौहान मैदान में हैं। ब्राह्मण प्रत्याशी के रूप में कांग्रेस की बागी संध्या डालाकोटी मैदान में डटी हुई हैं। लालकुआं विधानसभा क्षेत्र में मुकाबला दिलचस्प होने की संभावना है।
ठाकुर मतदाताओं ने अगर तीनों प्रत्याशियों की ओर अपना रुख किया तो तीनों के लिए जीत की राह कठिन हो जाएगी। ऐसे में तीनों ही प्रत्याशियों की नजर ब्राह्मण और दलित वोटरों पर होगी जबकि कांग्रेस की निर्दलीय प्रत्याशी संध्या डालाकोटी को अपनी जीत तय करने के लिए ब्राह्मणों के साथ ही क्षत्रिय और दलित वोटरों को साधना होगा। लालकुआं विधानसभा क्षेत्र में पांच प्रतिशत अल्पसंख्यक मतदाता भी अहम भूमिका अदा कर सकते हैं। अब समय ही बताएगा कि किस वर्ग के मतदाता अपना आशीर्वाद किस प्रत्याशी को देते हैं। दूसरी ओर भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशियों के लिए अंदरूनी भितरघात से निपटना भी बढ़ी चुनौती होगा।
लालकुआं विधानसभा में भाजपा-कांग्रेस नहीं कर सकी डैमेज कंट्रोल, संध्या व पवन उत्तरे फाइनल बैटिंग के लिए मैदान में ।
