
बहुजन समाज पार्टी के विधायक राम अचल राजभर व लालजी वर्मा का समाजवादी पार्टी में जाने का रास्ता साफ हो गया है। बसपा से निकाले गए इन दोनों नेताओं ने शुक्रवार को सपा मुख्यालय आकर पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की। माना जा रहा है कि यह दोनों अम्बेडकर नगर में अगले महीने एक बड़ा सम्मेलन करेंगे। इसमें अखिलेश यादव की मौजदूगी में पार्टी में औचारिक रूप से शामिल होने का ऐलान करेंगे।
बसपा से निष्कासन के बाद यह दोनों नेता सपा अध्यक्ष से पहले भी मुलाकात कर चुके थे लेकिन अखिलेश ने इन दोनों के साथ आज हुई आधे घंटे की मुलाकात के बाद पार्टी में आने की हरी झंडी दे दी। साथ ही मुलाकात का फोटो भी अपने ट्वीटर हैंडल से शेयर किया। हालांकि उन्होंने इसे शिष्टाचार भेंट बताया।
लालजी वर्मा अम्बेडकर नगर की कटेहरी सीट से विधायक हैं। उनकी कुर्मी समुदाय में अच्छी पकड़ मानी जाती है। वह बसपा विधानमंडल दल के नेता भी रह चुके हैं। मायावती ने अपनी सरकार में इन्हें ताकतवर मंत्री भी बनाया था। तो वहीं अकबरपुर सीट से विधायक राम अचल राजभर भी बसपा के पुराने नेता रहे हैं। साथ ही उन्हें बसपा का प्रदेश अध्यक्ष भी बनाया गया था। वह बसपा के हाल तक राष्ट्रीय महासचिव भी थे। पंचायत चुनाव के दौरान बसपा सुप्रीमो मायावती ने पार्टी से निकाष्सित कर दिया था। हालांकि कुछ समय तक राम अचल राजभर व लालजी वर्मा बसपा में वापसी की कोशिशें करते रहे। बाद में वह भाजपा के संपर्क में रहे। बीच में इन नेताओं ने एक अलग संगठन बनाने का भी संकेत दिया। लेकिन अंतत: जातीय समीकरणों के लिहाज से उन्हें सपा बेहतर विकल्प लगी है।
अखिलेश
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार में अभी जितनी महंगाई है, उससे ही लोगों की कमर टूट गई है, अब उस पर और ज्यादा जुल्म करने का भी इरादा हो गया है। ताजी सूचना है कि त्योहार के मौसम में पेट्रोल-डीजल के साथ रसोई गैस के दाम और ज्यादा बढ़ सकते हैं। सरकार के आंतरिक सर्वे में आया है कि उपभोक्ता एक हजार रुपये का सिलेंडर भी खरीद सकते हैं।अखिलेश ने शुक्रवार को जारी बयान में कहा कि भाजपा सरकार जाने किस अपराध में जनसाधारण को ज्यादा से ज्यादा तकलीफें देने पर आमादा है। गरीब तो पहले से ही सांसे गिन रहा था अब मध्यम वर्ग को भी मिटाने की योजना पर अमल शुरू हो गया है। भाजपा की जनविरोधी नीतियों से पूरे देश में आक्रोश है। लोग अब भाजपा के जाने और समाजवादी पार्टी को जिताने का संकल्प ले चुके हैं।
अपने हर वादे को कूड़े के ढेर में फेंक देने वाली भाजपा ने संकल्प-पत्र (घोषणा-पत्र) में मंहगाई और भ्रष्टाचार कम करने की घोषणा जोरशोर से की थी लेकिन सत्ता में आने के बाद भाजपा ने हर दिन लोगों को मंहगाई की आग में जलाया है। पेट्रोल-डीजल के दामों में भारी बढ़ोतरी के बाद परिवहन की दरों में भारी उछाल आया है और आवागमन मंहगा हुआ है। डीजल खेती के काम में इस्तेमाल होता है, जिससे सिंचाई की लागत भी बढ़ गई है। कुल मिला कर भाजपा सरकार रसोई गैस और पेट्रोल डीजल के दामों में बेतहाशा वृद्धिकर ‘ऐतिहासिक कर वसूली‘ कर के जनता से जो कमाई कर रही है, उसका इस्तेमाल वह अपने राजनीतिक फायदे और चुनावी एजेंडे के तहत राजनीतिक रोटियां सेंकने के काम में करेगी।