अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली को मानसून की बौछारों के लिए अभी इंतजार करना होगा। मानसूनी हवाओं के 27 जून तक राष्ट्रीय राजधानी पहुंचने का अनुमान है। विभाग ने कहा कि अगले 24 घंटे में गुजरात, दक्षिण राजस्थान, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के शेष हिस्सों में मानसून के आगे बढ़ने के लिए स्थितियां अनुकूल हैं। मानसून की उत्तरी सीमा (एनएलएम) जूनागढ़, दीसा, गुना,कानपुर, मेरठ, अंबाला और अमृतसर से होकर गुजर रही है।
आईएमडी ने बृहस्पतिवार को कहा था कि पश्चिमी हवाओं का असर मानसून पर 23 जून तक बना रह सकता है और इसलिए राजस्थान, पंजाब के शेष हिस्से, हरियाणा और दिल्ली में इस दौरान मॉनसून नहीं पहुंचने के आसार हैं। यह भी कहा कि मानसून के आगे बढ़ने का क्रम 26 जून और 30 जून के बीच धीरे-धीरे मजबूत होने की उम्मीद है और इस दौरान वह उत्तर पश्चिम भारत के अधिकतर हिस्सों में पहुंचेगा।
स्काईमेट वेदर के महेश पलावत ने कहा कि पिछले तीन-चार दिन से पश्चिमी हवाएं मानसून को उत्तर पश्चिम भारत में आगे बढ़ने से रोक रहीं हैं। उन्होंने कहा कि ये हवाएं अगले सप्ताह भी रहेंगी, इसलिए दिल्ली में अपने तय समय पर ही 27 जून के आसपास मानसून की बारिश होने का अनुमान है।
राजस्थान में दी दस्तक
जानकारी के अनुसार, दक्षिण पश्चिम मानसून शुक्रवार को राजस्थान की सीमा में पहुंच गया और इसके आने वाले दिनों में और आगे बढ़ने का अनुमान है। स्थानीय मौसम विभाग ने इसकी जानकारी दी है।
मौसम केंद्र जयपुर के प्रवक्ता ने बताया कि दक्षिण पश्चिम मानसून ने 18 जून को दक्षिण पूर्वी राजस्थान होते हुए प्रदेश में प्रवेश किया और इसकी उत्तरी सीमा राज्य के उदयपुर एवं झालावाड़ जिलों से गुजर रही है। प्रवक्ता के अनुसार अगले 24 घंटों के दौरान दक्षिण पश्चिम मानसून के दक्षिण राजस्थान के कुछ हिस्सों में आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं।
उन्होंने बताया कि इस बीच इस महीने एक जून से अब तक राज्य में मानसून पूर्व व इतर अच्छी बारिश हुई। समग्र रूप से इन 18 दिन में समूचे राजस्थान में सामान्य रूप से 20.0 मिमी. बारिश के बजाय वास्तविक बारिश 29.2 मिमी. रही है।