देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच ब्लैक फंगस भी अपना कहर बरपा रही है। मध्यप्रदेश के इंदौर और सागर के बाद जबलपुर के अस्पतालों में भी ब्लैक फंगस के मरीजों को इंफोटेरिसिन-बी इंजेक्शन दिए जाने के बाद 70 से ज्यादा मरीजों की हालत बिगड़ गई। मरीजों में बुखार, उल्टी, सिर चकराने और ठंड से कांपने के लक्षण नजर आने के बाद प्रशासन ने इंफोटेरिसिन-बी इंजेक्शन के इस्तेमाल पर रोक लगा दी। वहीं कांग्रेस ने शिवराज सरकार पर हमला बोलते हुए जांच की मांग की है।
अधिकारियों ने बताया कि दो अस्पतालों में इंफोटेरिसिन-बी के इंजेक्शन लगाने के बाद मरीजों की बिगड़ गई। इसके बाद हाल ही में राज्य सरकार की ओर से आपूर्ति किए गए इंजेक्शन का स्टॉक वापस कर दिया गया है।
जबलपुर मेडिकल कॉलेज में भी ब्लैक फंगस से पीड़ित मरीजों को इंफोटेरिसिन-बी इंजेक्शन का रिएक्शन होने की बात सामने आई है। मेडिकल कॉलेज के वार्ड नंबर पांच और 20 में भर्ती 60 मरीजों को इंजेक्शन लगने के 10 मिनट बाद तेज कंपकंपी, बुखार, उलटी और घबराहट होने लगी। गनीमत ये रही कि दो वार्डो में भर्ती इतने ही मरीजों को इंजेक्शन नहीं दिया गया था। एक घंटे तक दोनों वार्डों में अफरा-तफरी मची रही।
इंदौर और सागर की खबर से सतर्क एक डॉक्टर ने पहले ही अस्पताल के डॉक्टरों को सूचित कर दिया। इसके बाद 20 नर्सों को बुला लिया गया। एक घंटे में सभी को एंटी रिएक्शन इंजेक्शन और दवाएं दी गईं। इसके बाद मरीजों को आराम हुआ। अब सभी ठीक हैं।
बता दें कि जबलपुर मेडिकल कॉलेज में ब्लैक फंगस के करीब 126 मरीज भर्ती हैं। मेडिकल के वार्ड क्रमांक 5 और 20 सहित कुल चार वार्डों में इन्हें भर्ती किया गया है। रविवार शाम को इन मरीजों को इंफोटेरिसिन-बी का इंजेक्शन लगाया जा रहा था। वार्ड नंबर पांच व 20 में 60 मरीजों को लगा दिया गया था। 10 मिनट बाद ही रिएक्शन शुरू हाे गया। मरीजों को तेज कंपकंपी के साथ बुखार आ गया। कुछ को उलटी होने लगी तो कुछ को घबराहट होने लगी। 60 में 50 मरीजों को ही रिएक्शन हुआ था। दोनों वार्डों में अफरा-तफरी मच गई थी।