
सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के कोशिशों की बदौलत भारत अब दुनिया की सबसे ऊंची मोटर वाहन चलाने योग्य सड़क का दावा कर सकता है। सड़क निर्माण करने वाली इस एजेंसी ने इस हफ्ते की शुरुआत में यह उपलब्धि हासिल की है। बता दें कि बीआरओ भारतीय सशस्त्र बल की सड़क बनाने वाली एजेंसी है। बीआरओ को भारत की उत्तरी सीमाओं के साथ सबसे दुर्गम इलाकों में सड़कें बनाने में विशेषज्ञता हासिल है।
दुनिया की सबसे ऊंची सड़क जिस पर मोटर वाहन चलाए जा सकते हैं, अब पूर्वी लद्दाख में उमलिंग ला दर्रे पर 19,300 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। इस ऊंचे पहाड़ी दर्रे से होते हुए बीआरओ ने 52 किलोमीटर लंबी पक्की सड़क बनाई है। उमलिंग ला दर्रे की सड़क अब पूर्वी लद्दाख के चुमार सेक्टर के महत्वपूर्ण शहरों को जोड़ती है।
बता दें कि उमलिंग ला दर्रा ने अब बोलीविया में स्थित 18,953 फीट के पिछले रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। बोलीविया में पिछली सबसे ऊंची सड़क उटुरुंकु नामक ज्वालामुखी से जुड़ती है।
माउंट एवरेस्ट के बेस कैंप से भी ऊंचा
इस सड़क की वास्तविक स्थिति को ऐसे समझ सकते हैं कि यह माउंट एवरेस्ट के बेस कैंप (आधार शिविरों) से भी ऊंचा है। तिब्बत में उत्तरी बेस 16,900 फीट की ऊंचाई पर है, जबकि नेपाल में दक्षिण बेस कैंप 17,598 फीट पर स्थित है। माउंट एवरेस्ट का शिखर 29,000 फीट से थोड़ा ज्यादा ऊंचा है।
स्थानीय आबादी के लिए वरदान
रक्षा मंत्रालय की ओर से बुधवार को जारी एक बयान में कहा गया, “यह स्थानीय आबादी के लिए वरदान साबित होगा क्योंकि यह लेह से चिसुमले और डेमचोक को जोड़ने वाला एक वैकल्पिक सीधा रास्ता बन गया है। यह सामाजिक-आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाएगा और लद्दाख में पर्यटन को बढ़ावा देगा।”
ड्राइवरों के लिए ज्यादा चुनौतीपूर्ण
उमलिंग ला दर्रा मशहूर खारदुंग ला दर्रे की तुलना में ड्राइवरों के लिए ज्यादा चुनौतीपूर्ण होगा। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, इस दर्रे का तापमान भीषण सर्दियों के मौसम में माइनस 40 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है। साथ ही, इस ऊंचाई पर ऑक्सीजन का स्तर सामान्य स्थानों की तुलना में लगभग 50 फीसदी कम है। जिससे किसी के लिए भी यहां ज्यादा समय तक रहना बहुत मुश्किल हो जाता है।