
राज्यपाल द्वारा पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा पंचायत चुनाव को लेकर लाए गए अध्यादेश को निरस्त करने की मंजूरी दिए जाने के बाद अब प्रदेश में पंचायत चुनावों को लेकर आगे की रणनीति तय करने राज्य निर्वचन आयुक्त बीपी सिंह ने अपने आला अफसरों के साथ मंथन किया। राज्य निर्वाचन आयोग अब तीन जनवरी को पंचायत चुनाव से जुड़ी याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का इंतजार कर सकता है। उसके बाद ही कोई ठोस निर्णय लिया जाएगा।
राज्य निर्वाचन आयुक्त बीपी सिंह का कहना है कि राज्य सरकार द्वारा मध्यप्रदेश पंचायत राज अधिनियम 1993 की धारा 9 क के अंतर्गत पंचायत चुनाव के लिए अध्यादेश को राज्यपाल से निरस्त किए जाने के बाद अब इस पूरे मसले पर विधि विशेषज्ञों से बात करने के बाद सुप्रीम कोर्ट को सूचना देंगे। चुनाव केवल सुप्रीम कोर्ट के आदेश से ही रोके जा सकेंगे, क्योंकि चुनाव की प्रक्रिया शुरु हो चुकी है।
सोचने वाली बात यह है कि क्या निर्धारित समय पर चुनाव हो पाएंगे