लद्दाख सीमा पर चल रही तनातनी के बीच और अरुणाचल प्रदेश में भारतीय क्षेत्र में चीनी सैनिकों की घुसपैठ के बाद उत्तरखंड के सीमांत जनपद पिथौरागढ़ में भी सुरक्षा एजेंसियां चौकस हो गईं हैं।
चीन सीमा पर भारतीय सेना और आईटीबीपी ने गश्त बढ़ा दी है। जवान चीन की हर गतिविधि पर पैनी नजर रखे हुए हैं। स्थानीय लोगों के मुताबिक तीन दिन पहले मिलम और लिपुलेख तक भारतीय युद्धक विमान उड़ते देखे गए। सूत्रों के मुताबिक चीन सीमा पर वायुसेना हेलीकॉप्टर से सीमा की टोह ले रही है।
सेना और अर्द्धसैनिक बलों के जवान अग्रिम चौकियों पर 24 घंटे ड्यूटी कर रहे हैं। पिथौरागढ़ जिले से लगती मिलम से लिपुलेख तक की सीमा पर सुरक्षा बलों के जवान लगातार गश्त कर रहे हैं। नेपाल सीमा पर भी एसएसबी ने गश्त बढ़ा दी है। बीआरओ ने सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण चीन सीमा को जोड़ने वाली धापा-मिलम सड़क का निर्माण कार्य भी तेज कर दिया है। बीआरओ तवाघाट-लिपुलेख सड़क में बेली ब्रिज और सड़क सुधारीकरण का कार्य तेजी से चल रहा है। चिनूक से सड़क निर्माण का सामान और रसद पहुंचाई जा रही है।
पिछले सप्ताह अरुणाचल सेक्टर पर बढ़ गया था तनाव
रक्षा सूत्रों के मुताबिक, पिछले सप्ताह अरुणाचल सेक्टर पर दोनों देशों के सैनिकों के बीच फिर से तनाव बढ़ गया। सूत्रों के मुताबिक पेट्रोलिंग के दौरान चीनी सैनिकों ने भारतीय सीमा में घुसपैठ की कोशिश की, जिससे घंटों तनाव की स्थिति रही।
दोनों देशों की सीमाओं को सीमांकित नहीं किया गया
अरुणाचल सेक्टर में औपचारिक रूप से दोनों देशों की सीमाओं को सीमांकित नहीं किया गया है। इसलिए एलएसी को लेकर दोनों देशों की सेनाओं की अपनी-अपनी धारणाएं हैं, लेकिन पिछले सप्ताह पेट्रोलिंग के दौरान चीनी सैनिक भारत की सीमा के बेहद करीब तक आ गए, जिससे तनाव बढ़ गया।
इसके बाद दोनों देशों के लोकल कमांडरों ने मोर्चा संभाला और आपसी बातचीत के बाद मौजूदा प्रोटोकॉल के तहत सेनाएं पीछे हट गईं। रक्षा सूत्रों के मुताबिक, इस तनातनी में किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं हुआ है।