जैन दंपती हत्याकांड में जारी किए गए गैर जमानती वारंट पर रोक लगने के बाद पप्पू गिरधारी शुक्रवार को कोर्ट में तारीख पर हाजिर हो गए। वह उत्तराखण्ड की मंत्री रेखा आर्या का पति है।
1990 का है यह दोहरा हत्याकांड
जैन दंपती हत्याकांड लगभग 31 साल पहले जून 1990 में सिविल लाइंस में हुआ था। इस मामले में मृतक नरेश जैन और पुष्पा जैन की बेटी प्रगति जैन ने केस दर्ज कराया था। प्रगति ने कोर्ट में अपनी गवाही के दौरान बताया था कि 11 जून 1990 की रात करीब सवा नौ बजे वे लोग टीवी देख रहे थे। उसी दौरान चाकू और डंडे लेकर चार-पांच लोग घर में घुस आए। एक ने उनके पिता से कुछ बात की और दूसरे ने जाकर टीवी बंद कर दिया।
उन्होंने कोर्ट में बताया था कि इसके बाद उन लोगों ने डैडी (नरेश जैन) को चाकू से मारना शुरू कर दिया। उन्होंने और उनकी बहनों ने उन्हें बचाने की कोशिश की। मदद के लिए चिल्लाना शुरू किया तो उनकी मम्मी (पुष्पा जैन) भी दौड़कर वहां आ गईं। हमलावरों ने उन्हें भी चाकू और डंडों से मारना शुरू कर दिया। बीच-बचाव में वे दोनों बहनें भी चोटिल हो गईं। दूसरी बहन प्रेरणा फोन करने के लिए दूसरे कमरे में भागी तो आरोपियों ने टेलीफोन का तार तोड़ दिया। इसके बाद आरोपी चले गए। इस हमले में उनके पिता नरेश जैन और मां पुष्पा जैन की मौत हो गई थी।
जमीन के विवाद में हुआ था हत्याकांड
इस मामले में जोगीनवादा के पप्पू गिरधारी, हरिशंकर उर्फ पप्पू, बदायूं में थाना कोतवाली के मोहल्ला ब्रह्मपुरा के जगदीश सरन गुप्ता, रोहली टोला के भगवान दास, कटरा चांद खां के केपी वर्मा, साबिर, शीशगढ़ के योगेश चंद्र, आंवला के बजरुद्दीन, भुता के नरेश कुर्मी, फतेहगंज पश्चिमी के हरपाल, बदायूं निवासी पूनम उर्फ सुनीता उर्फ गुड्डी समेत 11 लोगों पर आरोप तय किए गए थे। इसमें हत्या, आपराधिक षडयंत्र रचने, भूमि-संपत्ति को हड़पने के लिए कपटपूर्वक फर्जी दस्तावेज तैयार करने व अन्य गंभीर आरोप शामिल हैं।
कोर्ट में हाजिर न होने पर जारी हो गया था वारंट
इस दोहरे हत्याकांड में तारीख पर हाजिर न होने के चलते कोर्ट ने पप्पू गिरधारी के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी कर दिया था। इसके विरुद्ध वो हाई कोर्ट चला गया। वहां से वारंट पर रोक लगने के बाद शुक्रवार को वह कोर्ट में पेश हुआ।