
अयोध्या –
एक तरफ उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार प्रदेश में राम राज्य की स्थापित करने का सपना देख रही है दूसरी ओर उन्ही के मातहत सरकार की योजनाओं को पलीता लगाने में जुटे है। सरकार का दावा है कि प्रदेश के सभी सरकारी अस्पताल में मरीजों का इलाज निःशुल्क हो रहा है परन्तु रामनगरी में बिल्कुल इसके विपरित हो रहा हैं। ताजा मामला अयोध्या जिला चिकित्सालय का है जहां एक गरीब दिव्यांग तीमारदार अपनी माँ 55 वर्षीय सुंदरा पत्नी स्व. छोटेलाल निवासिनी ग्राम चांदपुर कोतवाली बीकापुर
का इलाज कराने हेतु बीकापुर सीएचसी से जिला चिकित्सालय लाया। जहां तैनात चिकित्सक डॉ. आशीष पाठक, फार्मासिस्ट विजय वर्मा की देखरेख में सत्यम सिंह जो कि एक निजी सेवा प्रदाता कम्पनी का कर्मी है के द्वारा एक अन्य कर्मी के साथ तीमारदार को बाहर से दवा लाने की पर्ची पकड़ा दी। अब मरता क्या न करता मां इलाज ठीक से हो जाये इसी नियत के साथ व दवा लेने अस्पताल के सामने स्थित प्रीमियम मेडिकल स्टोर पर पहुंचा जहां उसने 1170 रुपये की दवा दी और पर्ची उसी स्वास्थ्य कर्मी को वापस कर दिया। वहीं जब तीमारदार ने इसकी शिकायत अपने मालिक जो कि एक स्थानीय समाचारपत्र के जिला संवाददाता है। जिसपर उन्होंने फोन पर इसकी शिकायत सीएमएस के मोबाइल पर की तो सीएमएस ने कहा कि डॉक्टर से मेरी बात कराओ और दवा की पर्ची मेरे मोबाइल पर भेजों। इसपर जब तीमारदार मेडिकल स्टोर से पर्ची लाने गया तो उसने बताया की पर्ची तो साथ मे आये स्वास्थ्य कर्मी ने वापस ले ली थी। वहीं सम्बंधित कर्मी से जब पर्ची मांगी गई तो वह टालमटोल करता रहा परन्तु पर्ची वापस नही दिया।