
जनपद चमोली का सीमांत प्रखण्ड जोशीमठ के पाण्डुकेश्वर गाँव के जोशीले युवा राहुल मेहता के कम उम्र में बड़े साहसिक कारनामे के चलते उत्तराखंड सहित पूरे देश का नाम रोशन करते हुए अपनी उपलब्धियों के बलबूते इण्डिया बुक आफ रिकार्ड में अपना नाम दर्ज करवाया है।
बता दें की यह सम्मान उन्हें गत वर्ष 2020 के अक्टूबर माह में सबसे दुरूह व दुर्गम माने जाने वाले 5,830 मीटर गुप्तख़ाल दर्रे को विषम परिस्थितियों में सफलतापूर्वक़ पार कर देश का तिरंगा फहराने पर मिला।
चमोली जिले के जोशीमठ ब्लॉक में स्थित 5,830मीटर की ऊँचाई पर स्थित गुप्तखाल पास उत्तराखंड की उच्चतम शिखरों वाला सबसे दुरहू ट्रैकिंग मार्ग है। इस हिडन पास को पहली बार ब्रिटिश पर्वतारोही फ्रैंक स्मिथ ने सन1933 में सफलता पूर्वक पार किया था। जिसके 77 वर्षों बाद वर्ष 2010 में दिल्ली के पर्वतारोही दल व वर्ष 2019 में बैंगलोर के दल ने इस दर्रे को पार किया।
ऐसे में माउंटेन ट्रैकर बद्रीनाथ के राहुल मेहता, उत्तरकाशी के गंगा राणा और ऊखीमठ रांसी के मुकेश नेगी अक्टूबर माह के पोस्ट मानसून सीजन में इस पास को समिट करने वाले पहले ट्रैकर दल बने और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में अपने नाम दर्ज करने की उपलब्धि हासिल कर पाए।