दूसरी लहर ने जहां अधिकांश राज्यों को अपनी चपेट में लिया है। वहीं अब पहाड़ी इलाकों में भी संक्रमण का खतरा बढ़ने लगा है। यह एक प्रकार से गंभीर संकेत भी है क्योंकि इन इलाकों में पहले से ही स्वास्थ्य सेवाएं काफी कमजोर हैं। दुर्गम स्थानों की वजह से यहां के ग्रामीण क्षेत्रों तक सुविधाएं पहुंचाने में काफी समय भी लग सकता है।
आंकड़ों की मानें तो उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में इस समय सबसे ज्यादा संक्रमण की बढ़ोतरी दर देखने को मिल रही है। उत्तराखंड में 3.61 और हिमाचल प्रदेश में 3.33 फीसदी की रफ्तार से संक्रमण बढ़ता दिखाई दे रहा है। जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह बढ़ोतरी दर केवल 1.90 फीसदी है।
ठीक इसी तरह पिछले एक सप्ताह की स्थिति देखें तो देश में सबसे ज्यादा संक्रमण की बढ़ोतरी गोवा में हुई है। यहां 47.3 फीसदी मामलों का इजाफा हुआ है। जबकि उत्तराखंड दूसरा ऐसा राज्य है जहां बीते सप्ताह भर में 37.2 फीसदी मामले बढ़े हैं। इसीलिए विशेषज्ञों का कहना है कि पहाड़ी इलाकों में संक्रमण को समय पर रोकने के लिए केंद्र और राज्य सरकार को सतर्क रहना जरूरी है।
स्वास्थ्य अर्थशास्त्री प्रो. रिजो एम जॉन का कहना है कि यहां बाहरी राज्यों के आवागमन को रोकने के साथ ही स्थानीय स्तर पर अस्थायी कोविड अस्पताल तत्काल बनाने की जरूरत है। ग्रामीण क्षेत्र इस समय काफी बुरी तरह से प्रभावित हैं।