धर्म नगरी वृंदावन में रविवार को भी श्रीबांकेबिहारी के भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। यहां देश भर से आए श्रद्धालु कोविड प्रोटोकॉल के नियमों को ही भूल गए। दर्शन की बेताबी में सोशल डिस्टेंसिंग की तो पूरी तरह से धज्जियां उड़ा दीं। भक्तों की भीड़ से मंदिर के सभी एप्रोच मार्ग जमा हो गए। संकरी गलियों में ज्यादा भीड़ के दबाव ने बच्चे और वृद्धजनों में घबराहट फैला दी। परिजन उन्हें किसी तरह भीड़ से बचाते नजर आए। कोविड की तीसरी लहर दस्तक दे रही है। नए केस सामने आ रहे हैं। इसी दरम्यान पिछले कुछ दिनों में ही वृंदावन आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में भी तेजी के साथ इजाफा हो रहा है। एनसीआर के साथ हरियाणा, उत्तराखंड और पंजाब से बड़ी संख्या में लोग यहां दर्शन को आ रहे हैं। इससे दर्शन को लेकर पिछले कई दिनों से मारामारी मच रही है। इसे लेकर न मंदिर प्रबंधन गंभीर है और न जिला व पुलिस प्रशासन। मंदिर के अंदर 50 लोगों की अनुमति पर 200 से लेकर 250 लोगों की मौजूदगी दर्शन दौरान निरंतर बन रही है। मंदिर के बाहर हालत और भी ज्यादा खराब हैं। स्थिति इस कदर गंभीर है कि इस भीड़ में मौजूद एक कोविड पॉजिटिव व्यक्ति अनगिनत लोगों को बीमार कर सकता है। इस भीड़ को नियंत्रित करने में चंद पुलिसकर्मी नतमस्तक नजर आते हैं। यहां पुलिस वीआईपी को दर्शन तक सीमित हो गई है। होटल प्रबंधक एसोसिएशन के अध्यक्ष एमपी सिंह का कहना है कि कोविड के नए केस आने शुरू हो गए हैं। ऐसे में वृंदावन के सभी मंदिर प्रबंधकों को चाहिए कि वे कोविड के नियमों का पालन सख्ती के साथ कराएं। श्रीकृष्ण साधक ट्रस्ट वृंदावन के प्रबंधक आनंद शर्मा का कहना है कि जिला प्रशासन को चाहिए कि कड़े नियमों के तहत बाहर से आने वाले लोगों को दर्शन की अनुमति मिले। समाजसेवी दान विहारी खंडेलवाल, राष्ट्रीय ब्राह्मण महासभा मथुरा के जिलाध्यक्ष चंद्रनारायण शर्मा चीनू, श्रीब्रजवासी तीर्थ पुरोहित पंडा महासभा के अध्यक्ष श्याम सुंदर गौतम का कहना है कि जिला प्रशासन को चाहिए कि स्थानीय व्यापार धंधों को ध्यान रखते हुए कोविड के मद्देनजर आवश्यक कदम उठाए जाएं। श्रद्धालु रुक जाएंगे तो यहां का रोजगार पूरी तरह से ठप हो जाएगा।
कोरोना गाइडलाइन की उड़ीं धज्जियां, श्री बांकेबिहारी के दर्शन के लिए उमड़ा भक्तों का जनसैलाब।
