अब तक पूरे देश में लगभग 15.50 करोड़ श्रमिकों ने इस योजना के अंतर्गत अपना रजिस्ट्रेशन कराया है। अकेले उत्तर प्रदेश में ही लगभग 4.5 करोड़ श्रमिक ई-श्रमिक कार्ड योजना के अंतर्गत रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। माना जा रहा है कि यह योजना भी मनरेगा की तरह केंद्र सरकार के लिए सफलता के नए द्वार खोल सकती है और 2024 के लोकसभा चुनावों पर इसका असर पड़ सकता है…
पीएम मोदी और योगी आदित्यनाथ
पीएम मोदी और योगी आदित्यनाथ –
उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार ने ई-श्रमिक कार्ड योजना में रजिस्टर हर श्रमिक को 500 रुपये प्रति माह देना शुरू कर दिया है। यह राशि प्रति वर्ष 6000 रुपये होती है। यदि किसी परिवार में पति-पत्नी और 16 वर्ष की आयु से ऊपर का एक भी बच्चा इस योजना का लाभ उठाता है, तो प्रति परिवार यह लाभ 18 हजार रुपये वार्षिक हो जाता है। यूपी में ज्यादातर श्रमिक परिवार कृषक हैं, जिन्हें केंद्र सरकार से 6000 रुपये प्रति वर्ष की ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि’ का लाभ अतिरिक्त रूप से मिल रहा है। इस प्रकार केंद्र-राज्य सरकार के सहयोग से यूपी के हर गरीब परिवार को 24 हजार रुपये की नकद आर्थिक सहायता मिलने का रास्ता तैयार हो गया है। परिवार में ज्यादा बच्चों के वयस्क होने पर यह राशि 30 हजार रुपये या इससे अधिक भी हो सकती है।
चूंकि, केंद्र-राज्य सरकार ने सभी गरीब परिवारों को मुफ्त राशन देने की योजना भी चालू कर रखी है, इस तरह यह योजना भोजन की सुविधा के अतिरिक्त समझी जा सकती है। आर्थिक विशेषज्ञ इसे गरीब परिवारों के आर्थिक सशक्तीकरण की राह में ‘मील का पत्थर’ बता रहे हैं। जिस तरह भारी संख्या में लोग इस योजना में रजिस्टर कराने के लिए सामने आ रहे हैं, अनुमान है कि केंद्र-यूपी सरकार को इसका चुनावी लाभ भी मिल सकता है
उत्तर प्रदेश चुनाव: केंद्र-योगी सरकार हर परिवार को दे रही है सालाना 30 हजार रुपये तक की आर्थिक मदद, जानें कौन लोग होंगे इसके हकदार ।
