उत्तराखण्ड में एक जुलाई से चारधाम यात्रा का आगाज होने जा रहा है लेकिन
सिखों के पवित्र तीर्थस्थल हेमकुंड साहिब के कपाट खुलने में संशय बना हुआ है।
उत्तराखंड में 1 हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट भी अब जल्द ही यात्रा शुरू करने के पक्ष में नहीं दिखाई दे रहा है। इसके चलते अब अगस्त माहीने में हेमकुंड साहिब की यात्रा शुरू हो पायेगी या नहीं इसको लेकर कुछ कहा नहीं जा सकता है।
फिलहाल एक जुलाई से चारधाम यात्रा का आगाज होने जा रहा,लेकिन सिखों के प्रमुख धाम हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट भी उत्तराखंड सरकार द्वारा नई गाईडलाइन जारी होने के बाद ही कुछ कहने करने की बात कह रहा है।
बता दें कि अभी सरकार ने चारधाम यात्रा के धामों में स्थानीय उन्हीं जनपदों के श्रद्धालुओं के लिए दर्शन करने की इजाजत दी है जिन जिलों में धाम स्थापित हैं। हालांकि 11 जुलाई से सरकार ने इन दस दिनों की स्थानीय यात्रा की समीक्षा के बाद ही राज्य भर के लोगों के लिए चारधाम यात्रा के लिए अनुमति देने का निर्णय लेना है।
चूंकि हेमकुंड साहिब और लोकपाल तीर्थ स्थल बद्रीनाथ धाम के पास ही है और ठीक हेमकुंड साहिब के नीचे यहीं पर विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी भी है। जहां देश विदेश से लाखों पर्यटक और श्रद्धालु हर वर्ष आते रहे हैं। लेकिन कोविड के चलते यहां हेमकुंड साहिब और फूलों की घाटी को तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए खोलने में असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
ऐसा इसलिए भी है कि जबतक देशभर के लिए यात्रा खोली नहीं जाती है तो तबतक हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट यात्रा को संचालित करने में दिलचस्पी नहीं ले रहा है । दरअसल हेमकुंड साहिब यात्रा के शुरू होने पर गूरूद्वारा मैनेजमेंट ट्रस्ट को गोविंदघाट, घांघरिया व हेमकुंड साहिब में प्रर्याप्त स्टाफ और अन्य व्यवस्थाओं को दूरूस्थ रखना पड़ता है। इसबार हेमकुंड साहिब में बहुत ही ज्यादा बर्फवारी और कोविड के चलते स्टाफ को वहां से वापस बुलाना पड़ा था।अब अगर हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट यात्रा को प्रारंभ करता है तो समस्त स्टाफ को वापस बुलाना होगा। फिलहाल जुलाई माह में तो हेमकुंड साहिब की यात्रा संभव नहीं है।