उत्तराखंड : गिरफ्तारी के डर से जासूसी का आरोपी पाकिस्तानी नागरिक हुआ फरार, मचा हड़कंप ।

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11 साल पहले पासपोर्ट अधिनियम और जासूसी के मामले में पकड़ा गया पाकिस्तानी नागरिक हाईकोर्ट का निर्णय आने से पहले ही अचानक लापता हो गया। सूचना मिलते ही पुलिस और खुफिया विभाग में हड़कंप मच गया। काफी तलाश के बाद रात करीब नौ बजे पुलिस ने घर के पास ही किसी के मकान से उसे हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है।
पुलिस के अनुसार, वर्ष 2010 में पासपोर्ट अधिनियम और जासूसी के मामले में रुड़की के बीएसएम तिराहे से पाकिस्तानी नागरिक आबिद उर्फ असद को पुलिस और खुफिया विभाग ने पकड़कर जेल भेज दिया था। जांच में पता चला था कि उसने रुड़की के इमली रोड निवासी युवती से शादी कर ली थी। वह तभी से परिवार के साथ इमली रोड पर रह रहा था। पासपोर्ट अधिनियम का मामला नैनीताल हाईकोर्ट में चल रहा था।

बुधवार को निर्णय आना था। पुलिस और खुफिया विभाग उसकी निगरानी कर रहे थे, लेकिन सुबह करीब दस बजे वह गैस सिलिंडर खत्म होने का बहाना बनाकर घर से फरार हो गया। काफी देर तक उसके नहीं लौटने पर एलआईयू समेत पांच पुलिसकर्मियों ने तलाश की, लेकिन पता नहीं चल पाया। उन्होंने सूचना अधिकारियों को दी। जासूसी के आरोपी पाकिस्तानी नागरिक के लापता होने की सूचना से हड़कंप मच गया।

आनन फानन पुलिस अधिकारी उसके घर पहुंचे और पत्नी से जानकारी ली। साथ ही आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे खंगाले। इस बीच आबिद एक कैमरे में भागता नजर आया। रात करीब नौ बजे पुलिस ने घर के पास ही किसी के मकान से उसे पकड़ लिया। एसपी देहात प्रमेंद्र डोबाल ने बताया कि आबिद को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
पुलिस और एलआईयू की लापरवाही आई सामने
हाईकोर्ट से निर्णय आने वाले दिन अचानक आबिद के लापता होने से कई सवाल खड़े हो रहे हैं। बुधवार को एलआईयू समेत पांच पुलिसकर्मियों को निगरानी के लिए तैनात किया गया था। बावजूद इसके आबिद पुलिसकर्मियों को झांसा देकर फरार हो गया। ऐसे में पुलिस और एलआईयू की लापरवाही भी सामने आई है। वहीं, यह भी सवाल खड़े हो रहे हैं कि आबिद ने फरार होने की योजना पहले से तो तैयार नहीं कर रखी थी। 

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आबिद जिस तरह शातिराना अंदाज में फरार हुआ, उससे देहरादून से लेकर जिले में बैठे पुलिस अधिकारी हैरत में हैं। पुलिस निगरानी का पहरा तोड़कर आबिद की फरारी ने पुलिस और एलआईयू की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। इतनी बड़ी लापरवाही से अधिकारियों में खासी नाराजगी है। इस बीच उसकी फरारी को लेकर पुलिस और एलआईयू के बीच कई सवाल तैर रहे हैं।

मसलन हाईकोर्ट से निर्णय वाले दिन फरार होने के पीछे क्या मकसद हो सकता है। सवाल यह भी है कि कहीं ऐसा तो नहीं है कि आबिद को पहले ही अंदेशा हो गया हो कि हाईकोर्ट से निर्णय उसके खिलाफ आएगा। इसी के चलते निर्णय वाले दिन फरार होने की योजना पहले से ही तैयार कर ली हो। या फिर उसने फरारी की योजना के साथ छिपने के लिए दूसरा ठिकाना तो नहीं चुन लिया था। 

तलाश में उतारी पुलिस की फौज
पाकिस्तानी नागरिक के अचानक लापता होने की सूचना से रुड़की से लेकर देहरादून तक हड़कंप मच गया। आबिद की तलाश के लिए पुलिस अधिकारियों ने पुलिस और खुफिया विभाग की पूरी फौज उतार दी। हरिद्वार से भी एलआईयू की टीम ने रुड़की में डेरा डाल दिया। रात करीब नौ बजे उसके पकड़ने जाने पर पुलिस ने राहत की सांस ली।

डीजीपी लेते रहे पल-पल की जानकारी
आबिद के लापता होने की सूचना देहरादून में बैठे डीजीपी अशोक कुमार को लगी तो उन्होंने जिले के पुलिस अधिकारियों को तलाश करने के निर्देश दिए। वे  देहरादून में बैठकर जिले के अधिकारियों से पल-पल की खबर लेते रहे। साथ ही आबिद को जल्द तलाश करने के निर्देश देते रहे।

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