प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश से देश के 35 पीएसए ऑक्सीजन प्लांट का वर्चुअल लोकार्पण किया। इस दौरान पीएम मोदी से मिलने ऋषिकेश आए बेगूसराय, पनहॉस बिहार के श्रवण शाह एम्स के बाहर लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बने रहे। उन्होंने अपने सिर पर थर्माकोल से बना कमल का फूल और हाथों में एक गदा थामा हुआ था।
छाती पर उन्होंने मोदी की फोटो चस्पा की हुई थी। अपनी पूरी वेष भूषा भगवान हनुमान जैसी बना रखी थी। एम्स के बाहर सड़क पर आने-जाने के दौरान उनके मुंह से केवल जय श्रीराम के ही शब्द निकल रहे थे। उनकी इस विचित्र वेशभूषा को देख आसपास खड़ी भीड़ उन्हें ही देखती रही। भले ही पीएम मोदी से इनकी मुलाकात नहीं हुई हो, लेकिन मोदी के इस भक्त के साथ सैकड़ों लोगों ने जमकर सेल्फी खींची।
श्रवण शाह ने बताया कि वे मोदी के प्रशंसक हैं। देश और प्रदेश में जहां-जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम आयोजित होते हैं वे हर जगह इसी तरह की वेशभूषा बनाकर वहां पहुंच जाते हैं। कहा अब तक वे करीब 90 स्थानों पर इसी तरह की वेशभूषा में पहुंच चुके हैं। आगे भी जाते रहेंगे।
कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि ऑक्सीजन के निर्माण के साथ उसका परिवहन भी काफी मुश्किल होता है। देश में सबसे अधिक ऑक्सीजन का निर्माण पूर्वी भारत में होता है, लेकिन कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से उत्तर और पश्चिम भारत के क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित हुए। ऐसे में सरकार ने तत्काल बड़ा कदम उठाते हुए ऑक्सीजन के परिवहन के लिए विशेष ट्रेनों का संचालन कर प्रभावित क्षेत्रों तक प्राणवायु पहुंचाई।
भाजपा की मौजूदा सरकार के सत्ता में आने से पहले देशभर में केवल छह एम्स थे। केंद्र में भाजपा की सरकार आने के बाद देश में एम्स की संख्या अब 22 हो गई है। उन्होंने कहा कि सरकार ने देश के हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। उत्तराखंड में हरिद्वार, रुद्रपुर और पिथौरागढ़ में मेडिकल कॉलेज बनाए जा रहे हैं।
एम्स में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आने से पहले सुबह नौ बजे शहर का ट्रैफिक प्लान डायवर्ट कर दिया गया। हरिद्वार राजमार्ग पर वाहनों को श्यामपुर चौकी से बाईपास की ओर भेजा गया। वाहन श्यामपुर चौकी होते हुए इंद्रमणि बडोनी चौक, भद्रकाली होते हुए तपोवन पहुंचे।
श्यामपुर चौकी से अंदर केवल स्थानीय वाहनों की ही आवाजाही रही। यातायात डायवर्ट होने पर कोयलघाटी से लेकर मुख्य बाजार, चंद्रभागापुल, कैलासगेट तक लोगों को आवाजाही करने में सहूलियत हुई। हालांकि बाईपास मार्ग पर वाहनों का अधिक दबाव रहा।