आचार्य बालकृष्ण ने दी रामदेव के विवादित बयान पर सफाई, वो सिर्फ व्हाट्सएप मैसेज पढ़ रहे थे। 

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एलोपैथिक दवाओं के विवादित बयान से घिरे योग गुरु बाबा रामदेव के बचाव में आचार्य बालकृष्ण खुलकर उतर आए हैं। आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि बाबा रामदेव की मंशा एलोपैथिक दवाओं पर टिप्पणी करने की नहीं थी। वो सिर्फ व्हाट्सएप मैसेज पढ़ रहे थे ।
योग गुरु बाबा रामदेव की दो मिनट 19 सेकेंड का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। इसमें बाबा रामदेव साधकों के सामने अपने फोन पर मैसेज पढ़ते हुए दिख रहे हैं। जिसमें उनकी ओर से एलोपैथिक दवाओं पर कई गंभीर सवाल उठाए जा रहे हैं। उनका कहना है कि एलोपैथिक की सभी दवाइयां फेल हो गई हैं। बुखार की तक दवा काम नहीं कर रही है। दवा शरीर का तापमान तो नीचे उतार देती है, लेकिन बुखार क्यों आ रहा है, उसका निवारण नहीं है। वीडियो में बाबा रामदेव कह रहे हैं कि लाखों कोरोना मरीजों की मौत एलोपैथी दवा खाने से हुई है
वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होने पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने कड़ी आपत्ति जताई है। आईएमए ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन से रामदेव के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है। आईएमए ने रामदेव के बयान पर उन्हें कानूनी नोटिस भेजा है। वहीं रामदेव के बयान के बाद विवाद खड़ा होने पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण ने सफाई दी है। उन्होंने कहा कि बाबा रामदेव सिर्फ एक व्हाट्सएप मैसेज पढ़ रहे थे। मॉर्डन साइंस और अच्छे डॉक्टरों के खिलाफ उनकी गलत मंशा नहीं थी। बाबा रामदेव मॉर्डन साइंस एक प्रोग्रेसिव साइंस पर विश्वास करते हैं। 

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वीडियो में ऐसा बोले रामदेव
‘एलोपैथी एक ऐसी स्टूपिड और दिवालिया साइंस है। पहले मोरोक्वीन फेल हुई, फिर रेमडेसिविर फेल हो गई, फिर इनके एंटीबायोटिक्स फेल हो गए, फिर स्टरॉयड इनके फेल हो गए, प्लाज्मा थेरेपी के ऊपर भी बैन लग गया। फेबिफ्लू दे रहे थे, वो भी फेल हो गई। जितनी भी दवाइयां दे रहे हैं। सब एक-एक करके फेल होती जा रही हैं, ये तमाशा हो क्या रहा है?


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