राम मंदिर कार्यशाला में संरक्षित दो लाख 75 हजार पूजित शिलाओं को कार्यशाला से जन्मभूमि परिसर ले जाने का निर्देश ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय ने दे दिया है। कार्यशाला में इसकी तैयारी हो रही है। नींव के किनारे-किनारे जिस क्षेत्र से मिट्टी निकाली गई थी वहीं शिलाएं रखी जाएंगी।
दो से तीन दिन के भीतर जन्मभूमि परिसर में लायी जाएंगी शिलाएं। मंदिर निर्माण को दुनिया भर से आई थीं।
अयोध राम मंदिर निर्माण के लिए 1989 में गांव-गांव में पूजित शिलाएं मंदिर की नींव में प्रतिष्ठित की जाएंगी। इसकी तैयारी श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने शुरू कर दी है। दो से तीन दिन के भीतर ही इन शिलाओं को रामजन्मभूमि परिसर लाया जायेगा और सभी को नींव के बगल में प्रतिष्ठित किया जायेगा। ढाली गई नींव के किनारे-किनारे जिस क्षेत्र से मिट्टी निकाली गई थी, वहीं शिलाएं रखी जाएंगी। इन स्थलों को मिट्टी से भरे जाने का कार्य गत दिनों शुरू हो गया है। राम मंदिर कार्यशाला में संरक्षित दो लाख 75 हजार पूजित शिलाओं को कार्यशाला से जन्मभूमि परिसर ले जाने का निर्देश ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय ने दे दिया है। कार्यशाला में इसकी तैयारी हो रही है।
विदेश से पूजित होकर आई थीं हजारों शिलाएं : विहिप प्रवक्ता शरद शर्मा ने बताया कि जब देश भर में शिला पूजन कार्यक्रम का उल्लास था तो इसी बीच विदेश में भी मंदिर निर्माण के लिए शिलाओं का पूजन हुआ। जर्मनी, अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका, नेपाल सहित अन्य देशों से पूजित शिलाएं अयोध्या पहुंची तो इन्हें पहले फकीरेराम मंदिर में और बाद में रामजन्मभूमि कार्यशाला में रखा गया।