https://newbharat.net.in/wp-content/uploads/2021/07/WhatsApp-Video-2021-07-27-at-1.35.29-AM.mp4जब सैंया भए कोतवाल तो डर काहे का और कोतवाल नहीं जब सैंया मुख्यमंत्री हो तो भला कौन डरेगा। दरअसल बात है देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और नाथ संप्रदाय के महंत योगी आदित्यनाथ से सीधे सरोकार रखने वाले अयोध्या के साधु संत और महंतों का।
बेखौफ साधुओं का हाल तो तब पता चला जब शानदार मुहूर्त के मुताबिक
अयोध्या के गुप्तार घाट स्थित एक मंदिर के भूमि पूजन को लेकर जोर शोर से तैयारियां चल रही थी। और मंदिर का भूमि पूजन भी किसी और को नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा को करना था। दरअसल सावन माह का पहला सोमवार तारीख 26 जुलाई और अयोध्या धाम के गुप्तारघाट स्थित सरयू तट पर पंचमुखी हनुमान मंदिर के समीप एक निजी भूमि पर नए मंदिर बनाने की बड़ी तैयारी थी। तैयारियों को लेकर साधु संतों से लेकर जिला प्रशासन ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ रखी थी भगवा रंग का बड़ा सा पंडाल रेड कलर की कारपेट और सड़कों पर चूना इस कदर छिड़का गया था मानो भूमि पूजन नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश सरकार का कोई बड़ा अभियान शुरू होने जा रहा हो।
25 जुलाई को उपमुख्यमंत्री के प्रोटोकॉल मे अयोध्या आने का कार्यक्रम भी तय हो गया और प्रोटोकॉल में भूमि पूजन का जिक्र भी हो गया खास बात तो यह रही उपमुख्यमंत्री जहां दोपहर 2:00 बजे अयोध्या पहुंचने वाले थे 1 घंटे पहले ही अयोध्या पहुंचे और कनक भवन में जाकर बंद दरवाजे के सामने ही भगवान की पूजा अर्चना की। उप मुख्यमंत्री द्वारा जारी प्रोटोकॉल की सूचना अयोध्या के अन्य संतों महंतों को मिल गई जिस भूमि पर भूमि का पूजन होना था उस जमीन से संबंधित कई पक्ष एक के बाद एक आने लगे और आखिरकार पता चल ही गया कि पूजन करने वाली भूमि विवादित है। उप मुख्यमंत्री भी कनक भवन से सीधे सर्किट हाउस पहुंचे जहां उन्होंने डीएम कमिश्नर और शिक्षा विभाग के तमाम अफसरों से अयोध्या के विकास कार्यों तथा शिक्षा से संबंधित जानकारियां ली। समय के मुताबिक 3:30 हो चुके थे और उपमुख्यमंत्री पहुंचे गुप्तार घाट के पंचमुखी हनुमान मंदिर। पंचमुखी हनुमान मंदिर में पहले से ही श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के शिष्य कमल नयन दास राम, वल्लभा कुंज के अधिकारी राजकुमारदास श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय महापौर ऋषिकेश उपाध्याय व नगर विधायक समेत अयोध्या के करीब एक दर्जन बड़े संत महंत मौजूद थे। और जब इतने बड़े-बड़े लोग मंच पर मौजूद हो तो भला अयोध्या की मीडिया भी कहां चुप रहने वाली थी मीडिया ने भी डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा से पूछा साहब अब आपको कहां जाना है ? आपको तो भूमि पूजन करना था ? मीडिया के सवाल पूछते ही डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने कहा मुझे ना तो किसी भूमि पूजन में बुलाया गया है और ना ही हम कोई भूमि पूजन करने वाले हैं हम तो यहां दर्शन करने आए थे और सरकारी काम कर वापस जा रहे हैं।
डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा वापिस भी चले गए और धरा का धरा रह गया भूमि पूजन का सारा काम। उप मुख्यमंत्री का अयोध्या आना और अयोध्या से राजधानी लखनऊ जाना कोई बड़ी बात नहीं लेकिन विवादित भूमि के बारे में प्रशासन ने डिप्टी सीएम को जानकारी नहीं दी थी या फिर जानकारी के बाद भी उपमुख्यमंत्री अयोध्या पहुंचे थे यह तमाम सारे सवाल अब अयोध्या की हर एक गलियों से उठने लगे हैं।
अयोध्या : जब सैंया मुख्यमंत्री हो तो भला कौन डरेगा.. देखिए हमारी पूरी खबर
