
चमोली जिले का विकास खंड देवाल का एक गांव है एरठा।यह गांव विकास खंड मुख्यालय से मात्र चार कीलोमीटर की दूरी पर बसा हुआ है, परंतु यहां के लोगों को आवागमन के लिए हमेशा ही विकट परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। यहां के लिए यहां के लोगों की दशकों से एक अदद मोटर मार्ग की मांग अभी भी ठंडे बस्ते में पड़ी हुई है।
आजकल बरसात के मौसम में आए दिन यहां का पैदल रास्ता जगह-जगह टूट जाने से यहां के लोगों और स्कूली बच्चों को एरठा से देवाल तक आने जाने में बहुत ही मुश्किलों को झेलना पड़ता है।
आजकल भी यहां का पैदल रास्ता जगह-जगह टूटा हुआ है। सबके बड़ी समस्या यह है कि यहां ऊपरी तरफ पहाड़ है तो नीचे की तरफ़ पिंडर नदी की गहरी खाई।जिसकी वजह से यहां के लोगों को अपने स्कूल जाने वाले बच्चों की हमेशा चिंता बनी रहती है। यहां के लोगों और स्कूल के बच्चों ने बताया कि बारिश के दौरान बहुत बार तो उनको या तो घर पर ही रहना पड़ता है या बीच रास्ते में फंस जाते हैं। ऐसे में उनकी शिक्षा ही प्रभावित नहीं होती है बल्कि बिमार लोगों को भी समय से इलाज नहीं मिल पाता है।
एरठा गांव के लिए यह जो रास्ता आप अपने टीवी स्क्रीन पर जगह जगह टूटा हुआ देख रहे हैं यह एक मात्र यहां के लोगों का विकास खंड मुख्यालय या दूसरी जगहों पर आने जाने का रास्ता है। इससे यहां के लोगों की समस्याओं को आसानी से समझा जा सकता है कि यहां के लोग कितनी परेशानियाें को झेलते होंगे। यहां के लोगों ने बताया कि यह पैदल रास्ता वन विभाग का है और इसका कोई भी रखरखाव नहीं किया जा रहा है।
बहरहाल यहां के लोगों की मोटर मार्ग की मांग के साथ ही इस खराब पैदल रास्ते को समय पर सही करने की मांग की है।