उत्तर प्रदेश : अयोध्या हनुमान जयंती : मंदिरों में हुई कामना आन पड़ी विपत्ति कष्ट हरौ बजरंगी

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Covid प्रोटोकॉल में मनाई गई हनुमान जयंती, हनुमान चालीसा का हुआ पाठ
अयोध्या. ( नाशय रोग हरे सब पीड़ा जपत निरंतर हनुमंत वीरा ) यही कामना के साथ Covid संक्रमण के बीच भगवान श्री राम जन्मोत्सव के बाद दक्षिण परंपरा से बजरंगबली का प्राकट्योत्सव मनाया गया। इस दौरान हनुमान मंदिरों में भव्य आरती महोत्सव का आयोजन किया गया लेकिन श्रद्धालुओं का प्रवेश वर्जित होगा।
चैत्र शुक्ल पूर्णिमा पर हनुमान जयंती वैसे तो यह दक्षिण भारत में मनाया जाने की परंपरा है। और अब यह परंपरा उत्तर भारत में भी तेजी बढ़ रहा है। अयोध्या में हनुमान गढी पर यह प्राकट्योत्सव कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी के मध्य रात्रि बड़ी धूमधाम से मनाई जाती है। इस दिन हनुमानजी को विभिन्न प्रकार से अभिषेक कर नए वस्त्र धारण कराये जाने के साथ नवलखा हार पहनाया जाता है। और महाआरती पूजन किया जाता है। तो वहीं चैत्र पूर्णिमा पर भी हनुमान जयंती सूर्योदय के समय में भव्य आरती पूजन किया। उसके साथ ही सरयू तट स्थित दक्षिण परंपरा के कालेराम मंदिर में इस उत्सव को बड़े धूमधाम से मनाया गया है। सुबह भगवान श्री हनुमान जी को अभिषेक कर स्नान कराकर नए वस्त्र पहनाए गए। और राम कथा व हनुमान कथा सुनाई गई और अबीर गुलाल उड़ाते हुए बधाई गीत के साथ खुशियां मनाई गई । जिसके बाद भव्य आरती कर फल, चना, गुड, लड्डू, पंजीरी और पंचामृत से भोग लगाया गया।
देश में बढ़ रहे कोरोना महामारी से हनुमान जयंती भी पर प्रभावित रहा अयोध्या ने हनुमान गढी, कालेराम मंदिर सहित कई अन्य मंदिरों में भी आईजन किये गए लेकिन Covid प्रोटोकॉल के कारण कोई भी दर्शनार्थी शामिल नही हो सके। मंदिरों के मुख्य द्वार बंद रहे। और बंद मंदिरों में इस उत्सव का आयोजन किया गया।
कालेराम मंदिर के मुख्य पुजारी गोपाल देशपांडे ने बताया कि चैत्र शुक्ल पूर्णिमा पर काले राम मंदिर में अपने प्राचीन परंपरागत हनुमान जयंती मनाई गई है। सूर्योदय पर दक्षिणामुखी हनुमान जी महाराज को 16 उपचार से प्रारंभ हुआ जिसमें पाध्य अर्क आचमन किया गया। वहीं कहा कि भगवान जी हनुमान जी रुद्रावतार कहे गए हैं। इसलिए रूद्र पाठ के साथ उनका अभिषेक किया गया और फल, चना, गुड, लड्डू, पंजीरी और पंचामृत से भोग लगाया गया उसके बाद वहीं प्रसाद के रूप में भी वितरित किया गया।
वहीं काले राम मंदिर के प्रबंधक कुशल कुमार उपाध्याय ने बताया कि हनुमान जी का जन्मोत्सव हनुमान जयंती के रूप में मनाया जाता है जिसके तहत आज हनुमान जी का प्रकट उत्सव मनाया गया और यह कामना किया गया कि जो इस देश पर विपत्ति आन पड़ी है सभी के दुख का निवारण करें यही हमारी कामना है।
……………………………………………………रिपोर्टर-बृजेश सेन (अयोध्या )

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