नैनीताल हाईकोर्ट ने फायर सीजन में प्रदेश के जंगलों में लगने वाली आग पर स्वतः संज्ञान लिए जाने वाली दायर कई जनहित याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई के बाद मामले की अगली सुनवाई के लिए 9 जनवरी की तिथि नियत करते हुए पीसीएफ हॉफ को इस संबंध में रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने कहा कि रिपोर्ट पेश नहीं करने की दशा में उन्हें कोर्ट में पेश होना होगा।
वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी एवं न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार उत्तराखंड के जंगलों में लगने वाली आग के मामले में नियुक्त न्यायमित्र ने कोर्ट को अवगत कराया गया कि कोर्ट 2021 से राज्य सरकार को वनों को आग से बचाने के लिए दिशा निर्देश जारी करती आ रही है। लेकिन अभी तक धरातल पर कुछ भी नही हुआ।
फायर सीजन में प्रदेश के जंगल आग उगलते है। लेकिन अभी तक पूर्व के आदेश का अनुपालन नही हुआ है। याचिका में कहा कि यदि पूर्व में जारी आदेशों का अनुपालन किया गया होता तो 2021 से अब तक फायर की घटनाओं में कमी आती।
कोर्ट ने 2021 में मुख्य समाचार पत्रों में प्रकाशित आग की खबरों पर स्वतः संज्ञान लिया था। वहीं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने इस पर काबू पाने के लिए मुख्य न्यायाधीश को पत्र भेजा था। जिसमें कहा गया था कि वनों व वन्यजीव व पर्यावरण को बचाने के लिए उच्च न्यायालय राज्य सरकार को दिशा निर्देश जारी करें।









