
सीबीआई ने बुधवार को 47 साल पुरानी बैंक धोखाधड़ी में घोषित अपराधी सतीश कुमार आनंद को दिल्ली के रोहिणी सेक्टर आठ से गिरफ्तार किया है। एक निजी कंपनी को अग्रिम लोन देकर 5.69 लाख रुपये की धोखाधड़ी में सीबीआई ने 1978 में तत्कालीन बैंक प्रबंधक, सतीश कुमार आनंद और अशोक कुमार नाम के व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। इनमें अशोक कुमार और सतीश कुमार आनंद को 1985 में सजा सुनाई जा चुकी है।
सीबीआई के अनुसार, मामला देहरादून की बैंक ऑफ इंडिया शाखा का है। उस वक्त मूल रूप से दिल्ली का रहने वाला सतीश कुमार आनंद बैंक में बिचौलिये की तरह काम करता था। आनंद बैंक से कंपनियों और व्यक्तिगत लोगों को लोन दिलाने में मदद करता था। इसी तरह वह 1977 में एक निजी कंपनी के आवेदन को लेकर बैंक आया था। आरोप था कि उस वक्त प्रबंधक के साथ मिलकर उसने कंपनी को अग्रिम लोन दिलवा दिया। इसके लिए जो दस्तावेज प्रस्तुत किए उनमें फर्जी बिल आदि शामिल किए गए थे।