
दास्तां ऐसे जनाजे की जिसे 14 महीने बाद नसीब हुई कब्र,
बेटे के जनाजे का इंतजार 14 महीने तक करती रही मां
शाहजहांपुर
एक मां को अपने बेटे के शव को देखने के लिए 14 महीने का लंबा इंतजार करना पड़ा लंबी जद्दोजहद के बाद सऊदी के जद्दा से शव
शाहजहांपुर के मोहल्ला मेहमान शाह में पहुंचा । इसके बाद जनाजे को सुपुर्द ए खाक किया गया ।
शाहजहांपुर के मेहमान छा के रहने वाले मोहम्मद आलम सऊदी अरब जद्दा में नौकरी करते थे पिछले साल मार्च में सऊदी अरब में उनकी मौत हो गई । सऊदी सरकार ने परिजन से जनाजे को सऊदी में दफनाने की इजाजत मांगी तो मृतक आलम की पत्नी ने हां कर दिया जबकि पालम की मां ने सऊदी सरकार के बेटे के जनाजे के आखरी दीदार की गुहार लगाई । मां की फरियाद पर सऊदी गवर्नमेंट ने आलम के जनाजे को लेप लगाकर सऊदी में रख दिया । इस बीच सऊदी सरकार ने मोहम्मद आलम के शव को भारत भेजने की तैयारी शुरू की ।
दोनों देशों के विदेश मंत्रालय के सहयोग से लंबी जद्दोजहद व सरकारी मदद के बाद 14 महीने के लंबे वक्त लगा । सऊदी सरकार ने फ्लाइट द्वारा मोहम्मद आलम के शव को लखनऊ भेजा जिसके बाद लखनऊ से वाहन द्वारा शव शाहजहांपुर के कोतवाली के मोहल्ला मेहमान छा में मध्य काल के मकान पर पहुंचा । सोमवार को मृतक आलम का शव शाहजहांपुर के कोतवाली के मोहल्ला मेहमान शाह में लाया गया जिसको देखने के लिए बड़ी तादाद में लोगों की भीड़ मौके पर पहुंचे । पिछले 14 महीने से अपने बेटे की जनाजे का इंतजार कर रही मां ने बेटे के जनाजे को देखा तो फूट-फूट कर रोने लगी । भाई आफताब से लेकर परिजन के सभी बेहद बेहद हम सदा नजर आए हर तरफ गम का माहौल था देर शाम आलम के जनाजे को 14 महीने बाद कब्र में दफन किया गया ।
इसके साथ ही एक पुरानी कहावत खाक जहां की थी खमीर वही पहुंचा सच की जमीन दीदार कराती नजर आई ।