पहलगाम हमले में शामिल आतंकी कमांडो जैसी ट्रेनिंग लेकर आए थे। यह खुलासा जम्मू-कश्मीर की जेलों में बंद लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों से पूछताछ के दौरान हुआ है। हालांकि, इसको लेकर अभी तक आधिकारिक पुष्टि या कोई बयान जारी नहीं किया किया गया है।
आतंकियों को पाकिस्तान के स्पेशल सर्विस ग्रुप (एसएसजी) कमांडो जैसी ट्रेनिंग दी थी
सूत्रों के अनुसार, पहलगाम हमले में शामिल आतंकियों को पाकिस्तान के स्पेशल सर्विस ग्रुप (एसएसजी) कमांडो जैसी ट्रेनिंग दी गई थी। 15-20 ऐसे कमांडर कश्मीर घाटी में भी मौजूद हैं, जो विदेशी आतंकियों के छोटे ग्रुप को लीड कर रहे हैं। खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, आईएसआई का मकसद भारतीय सुरक्षाबलों को भारी नुकसान पहुंचाना है। तीन बड़े हमलों में एसएसजी कमांडो की भूमिका पाई गई है।
पहलगाम से पहले गांदरबल में सात लोगों को मारा था
गांदरबल जिले के गगनगीर में आतंकी हमले में सात नागरिकों की हत्या कर दी गई थी। गुलमर्ग के बूटापथरी में आतंकियों ने सेना के काफिले को निशाना बनाया था। इसमें दो जवान बलिदान हुए दो। दो पोर्टर भी मारे गए थे। अब आतंकियों ने पहलगाम में 26 निर्दोष लोगों की हत्या कर दी है।
ओजीडब्ल्यू नेटवर्क को निशाना बना रही सुरक्षा एजेसियां
सूत्रों के अनुसार, जांच एजेंसियों को मिले अहम सुराग के आधार पर पहलगाम हमले में एसएसजी कमांडो की भूमिका सामने आई है। अब जांच एजेंसियों का फोकस एसएसजी ट्रेनिंग प्राप्त करने वाले इन आतंकी कमांडरों की तलाश पर है, जो घाटी में बड़ा खतरा बन सकते हैं। इसको लेकर सुरक्षा एजेंसियों ने आतंकी मददगारों (ओजीडब्ल्यू) के नेटवर्क को निशाना बनाना शुरू कर दिया है, ताकि आतंकी सरगनाओं तक पहुंचा जा सके।
पहलगाम हमले में अल उमर मुजाहिदीन के चीफ मुश्ताक जरगर की भूमिका की जांच की जा रही
सूत्रों के अनुसार, प्रतिबंधित आतंकी संगठन अल उमर मुजाहिदीन के संस्थापक मुश्ताक अहमद जरगर की पहलगाम हमले में भूमिका की जांच की जा रही है। ओजीडब्ल्यू से पूछताछ के दौरान जरगर का नाम सामने आया है। बताया जा रहा है कि मुश्ताक जरगर के आदेश पर ओजीडब्ल्यू ने पहलगाम हमले के आतंकियों की मदद की है। बीते दिनों जम्मू-कश्मीर पुलिस ने जरगर समेत कई आतंकी मददगारों के घर खंगाले हैं। सूत्रों के अनुसार, मुश्ताक अहमद जरगर पाकिस्तान में बैठकर आतंकी नेटवर्क चला रहा है।
200 से ज्यादा आतंकी मददगारों के खंगाले गए हैं ठिकाने
जानकारी के अनुसार, पहलगाम आतंकी हमले के बाद अब तक 200 से ज्यादा आतंकी मददगारों के ठिकानों को सुरक्षा एजेंसियां खंगाल चुकी हैं। 92 से अधिक ओजीडब्ल्यू के खिलाफ गैर कानूनी रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) में केस दर्ज किया गया है। 3000 से अधिक लोगों से एनआईए ने पूछताछ की है।