उत्तर प्रदेश के जालौन जिले के कुठौंद थानाध्यक्ष अरुण कुमार राय की संदिग्ध हालात में मौत का मामला जितना आगे बढ़ रहा है, उतना ही पेचीदा होता जा रहा है। नए खुलासे में यह जानकारी मिली है कि घटना से ठीक तीन दिन पहले तक अरुण कुमार और आरोपी महिला सिपाही के बीच 100 से ज्यादा बार फोन पर बातचीत हुई थी।
सबसे हैरानी की बात यह है कि इनमें से अधिकांश बातचीत वीडियो कॉल के जरिए हुई। कॉल डिटेल्स ने जांच अधिकारियों को चौंका दिया है और अब एसआईटी इस पहलू को बेहद गंभीरता से खंगाल रही है।
इतने कम समय में इतनी ज्यादा बातचीत आखिर किस वजह से हुई। यह सवाल अब जांच का सबसे अहम हिस्सा बन गया है। कुठौंद थाना प्रभारी अरुण कुमार राय की मौत के मामले में चल रही जांच में आया है कि आरोपी महिला सिपाही 25 लाख रुपये मांग रही थी।
25 लाख को लेकर तनाव में थे अरुण
दोनों एक साथ छुट्टी पर गए थे
सिपाही ने थाना प्रभारी के साथ की थी मारपीट
तीन दिन से लगातार कॉल कर रही थी महिला सिपाही
सूत्रों की मानें तो आरोपी महिला सिपाही ने उन्हें इतना मजबूर कर दिया था, कि वह चिंता में डूबे थे। तीन दिन से वह उन्हें लगातार कॉल कर रही थी। दोनों के बीच करीब सौ से अधिक बार कॉल हुई है।
तीन महंगे मोबाइल रखती थी मीनाक्षी
मीनाक्षी दो फोन अपने साथ रखती थी, जबकि तीसरा फोन अपने कमरे में रखती थी। वह वीडियो बनाने के बाद सबसे पहले तीसरे फोन में सेंड करती थी, ताकि वीडियो डिलीट भी हो जाए तो तीसरे फोन में सुरक्षित रहे। सूत्रों का कहना है कि मीनाक्षी के पास इंस्पेक्टर के कई ऐसे वीडियो थे जिन्हें वायरल करने पर इंस्पेक्टर को अपनी इज्जत की चिंता सता रही थी।
निलंबन की हुई कार्रवाई
आरोपी महिला सिपाही मीनाक्षी के जेल जाते ही उस पर निलंबन की कार्रवाई हो गई है। अधिकारियों का कहना है कि रिपोर्ट दर्ज होने के बाद कार्रवाई की गई है। उसे 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।







