भारतीय मुद्रा में अब तक की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। सोमवार को डॉलर के मुकाबले यह अब तक के सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंच गया। अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अमेरिकी मुद्रा में मजबूती के चलते रुपये में भारी गिरावट आई है। शुरुआती कारोबार में रुपया 52 पैसे की गिरावट के साथ 77.42 के स्तर पर आ गया
बड़ी गिरावट के साथ खुलने के बाद अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया कुछ ही देर में डॉलर के मुकाबले 77.17 पर खुला और कुछ ही देर में 77.42 पर आ गया। यह रुपये के पिछले बंद भाव के मुकाबले 52 पैसे की गिरावट है। यहां बता दें कि बीते सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार का भारतीय मुद्रा डॉलर के मुकाबले 55 पैसे टूटकर 76.90 पर बंद हुई थी। इस बीच शेयर बाजार का बेंचमार्क इंडेक्स एनएसई निफ्टी 50 इंडेक्स 1.06 फीसदी और बीएसई सेंसेक्स 1.09 फीसदी नीचे था।
आम आदमी पर प्रभाव
यहां आपको बता दें कि रुपये में गिरावट का सबसे ज्यादा बुरा असर उन क्षेत्रों पर होगा, जहां आयात किया जाता है। कच्चे तेल की बात करें तो अपनी जरूरत का 80 फीसदी कच्चा तेल भारत आयात करता है। ऐसे में रुपये की गिरावट से कच्चे तेल के आयात बिल में बढ़ोतरी होगी और विदेशी मुद्रा ज्यादा खर्च होगी। इसके अलावा उर्वरक और रसायन जिनका कि भारत बड़ा आयातक है वो रुपये की कमजोरी से महंगे हो जाएंगे। इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिक सामानों से लेकर आभूषण तक महंगे हो जाएंगे।