यूपीपीएससी की पीसीएस और आरओ-एआरओ की प्रारंभिक परीक्षा एक ही दिन और एक ही पाली में होनी चाहिए, तथा मूल्यांकन के लिए नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूले का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए…’ अपनी इसी मांग को लेकर सोमवार, 11 नवंबर को अभ्यर्थियों द्वारा शुरू किए गए विरोध प्रदर्शन का आज चौथा दिन है। उम्मीदवार अभी भी अपनी मांग पर अड़े हुए हैं।
कुछ तस्वीरें सामने आई हैं, जिनमें छात्रों के बड़े समूह प्रयागराज में बैरिकेड्स तोड़कर आयोग के गेट नंबर 2 पर पहुंच गए और दो दिनों में परीक्षा आयोजित करने के यूपीपीएससी के फैसले का विरोध किया। इस बीच प्रयागराज पुलिस ने दावा किया है कि कुछ आपराधिक तत्व छात्रों के विरोध प्रदर्शन में घुसपैठ कर चुके हैं और उन्हें गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं।
प्रदर्शन की चिंगारी अब अन्य शहरों में भी फैलने लगी है। बृहस्पतिवार दोपहर को अभ्यर्थियों ने बाराबंकी शहर में जोरदार प्रदर्शन किया। शहर से गुजरे लखनऊ-अयोध्या हाईवे पर एकत्र छात्र, बैनर, पोस्टर और तख्ती लिए छात्र एकता जिंदाबाद और एक ही शिफ्ट में परीक्षा कराने के जोरदार नारे लगा रहे थे।
आज हो सकती है बैठक
आयोग सूत्रों के अनुसार उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग में आज एक प्रमुख बैठक हो सकती है, जिसमें छात्रों की मांगों को लेकर कोई निर्णय लिया जा सकता है। आयोग में मंथन चल रहा है की किस तरह से छात्रों को मनाया जाए। सुबह छात्रों को बलपूर्वक हिरासत में लेने के बाद बवाल बढ़ने की आशंका बढ़ गई है। छात्र आंदोलन थमने का नाम नहीं ले रहा है और लगातार उग्र होता जा रहा है। इसके चलते आयोग और प्रशासन के अधिकारी रास्ता निकालने में जुट गए हैं।
एक समान मूल्यांकन पर स्पष्ट नहीं नॉर्मलाइजेशन
आयोग का रुख भी जानें
- उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) की परीक्षाओं की शुचिता एवं छात्रों के भविष्य को संरक्षित करने के उद्देश्य से परीक्षाएं केवल उन केंद्रों पर कराई जा रही हैं, जहां किसी प्रकार की कोई गड़बड़ियों की कोई संभावना नहीं है।
- आयोग ने कहा कि पूर्व में दूर-दराज के परीक्षा केन्द्रों में कई प्रकार की गड़बड़ियां संज्ञान में आईं। योग्य छात्रों के भविष्य अनिश्चित्ता न बनें इसलिए संपूर्ण परीक्षा मेरिट के आधार पर संपन्न कराने के लिए इन केंद्रों को हटाया गया है।
- यूपीपीएससी ने कहा कि सरकार एवं आयोग की मंशा छात्र हितों को संरक्षित करना एवं मेरिट के आधार पर चयन सुनिश्चित करना है।
- चयन प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी एवं छात्र हितों को ध्यान में रखते हुए निर्धारित की गई है। देश के अन्य प्रतिष्ठित आयोगों तथा संस्थानों द्वारा भी इसी प्रक्रिया का पालन किया जाता है।
- आयोग ने परीक्षा की शुचिता सुनिश्चित करने की महत्ता के दृष्टिगत अभ्यर्थियों के आग्रह पर ही परीक्षा आयोजन का दो पालियों में करने का निर्णय लिया।
- आयोग ने कहा कि अभ्यर्थियों को परीक्षा देने दूर न जाना पड़े, इसकी व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।
- आयोग ने कहा कि अराजक तत्वों, अवैध कोचिंग संस्थानों, नकल माफिया द्वारा प्रतियोगी छात्रों को भ्रामक जानकारी देकर बरगलाने का प्रयास किया जा रहा है। छात्रों को ऐसी सूचनाओं से सावधान रहना चाहिए।