बालिका से दुष्कर्म की घटना के बाद यहां रुकूट कंपाउंड इलाके में सैकड़ों लोग रातोंरात गायब हो गए हैं। इन परिवारों का अचानक गायब होना कई सवाल खड़े कर रहा है। खास बात यह है कि सत्यापन अभियान चलाने की सूचना के बाद परिवार यहां से चले गए हैं, जिससे लोग हैरत में हैं। सोमवार को इस इलाके में दोपहिया-चौपहिया वाहनों की भीड़ भी नजर नहीं आई।
बता दें कि बालिका से दुष्कर्म और बवाल के बाद यह सूचना फैली कि रुकुट कंपाउंड और उससे लगे क्षेत्र में प्रशासन, पुलिस सत्यापन अभियान चलाएगा। क्षेत्रवासियों के मुताबिक रुकुट कंपाउंड क्षेत्र में 200 से अधिक परिवार हैं, इनमें से 60 फीसदी से अधिक दूसरे समुदाय के हैं। इन्हीं में से बिना सत्यापन कराए रह रहे कई लोग रातों-रात यहां से गायब हो गए हैं।
कई चार पहिया और 50 से अधिक दोपहिया वाहन मार्ग के किनारे खड़े रहते थे, जिससे पैदल चलना तक दूभर हो जाता है। ऐसे वाहन भी अब यहां नजर नहीं आ रहे हैं। लोगों का कहना है कि गायब हुए परिवार यहां अवैध रूप से रह रहे थे जो कि सत्यापन के डर से यहां से चले गए हैं।
उस्मान का मुस्लिम समुदाय ने किया बहिष्कार
12 वर्षीय बालिका से दुष्कर्म के आरोपी उस्मान का मुस्लिम समुदाय ने बहिष्कार करने का एलान किया है। अंजुमन इस्लामिया कमेटी ने प्रेसवार्ता कर इसकी घोषणा की। साथ ही प्रशासन से आरोपी को कड़ी सजा दिलाने की भी मांग की। वहीं कमेटी ने पीड़िता के उपचार और पढ़ाई को भी जिम्मेदारी ली है सोमवार को अंजुमन इसामिया कमेटी अध्यक्ष शोएब अहमद व अन्य लोगों ने मल्लीताल रजा क्लब में बैठक की। इसमें उन्होंने बालिका के साथ हुई घटना को निंदनीय बताते हुए आरोपी मो. उस्मान को कड़ी सजा दिलाने की मांग की।
शोएब अहमद ने कहा कि बच्ची के साथ हुए कृत्य से मुस्लिम समाज भी उतना ही आक्रोशित है जितना कि शहरों के अन्य लोग। अंजुमन इस्लामिया के अध्यक्ष ने बाहरी क्षेत्रों से आकर शहर का माहौल बिगाड़ने वालों का सत्यापन कराने की मांग की है। इस दौरान अंजुमन इस्लामिया कमेटी के उपाध्यक्ष दानिश सिद्दीकी, हारून खान, जनरल सेक्रेटरी हामिद अली, सचिव जमात अहसान, रईस खान आदि रहे।
सुरक्षा में घटनास्थल पहुंची बालिका, नजरी नक्शा तैयार किया
घटना के बाद से पुलिस फूंक-फूंककर जांच आगे बढ़ा रही है। सूत्र बताते हैं कि सोमवार को पुलिस सुरक्षा और एनजीओ के साथ पीड़िता को घटनास्थल लाया गया जहां उससे वारदात पर नजरी नक्शा तैयार कर आवश्यक बिंदुओं को अभिलेखों में दर्ज किया गया। इससे भविष्य में पुख्ता चार्जशीट तैयार की जा सके। वहीं, संवेदनशील घटना में कई बार पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल भी उठ रहे हैं। घटना वाले रोज लाल वाहन को अन्यत्र पहुंचाने के बाद दूसरे रोज नगर में चर्चा थी कि आखिर रात में ही वाहन कैसे गायब हुआ।
महिला डॉक्टर और पीड़िता की मां के बयान दर्ज
नैनीताल में दरिंदगी की शिकार हुई बच्ची के मामले में महिला अस्पताल की डॉक्टर और पीड़िता बच्ची की मां के बयान दर्ज किए गए हैं। सीएमओ डॉ. एचसी पंत ने बताया कि दोनों के बयान लेने के बाद रिपोर्ट डीजी ऑफिस भेज दी गई है। महिला डॉक्टर के अनुसार, 12 अप्रैल को बालिका के साथ दुष्कर्म किया गया। 23 अप्रैल को पीड़िता की बड़ी बहन ने चंदौसी गई मां को फोन पर घटना की जानकारी दी। कहा कि छोटी बहन के साथ कुछ गलत हुआ है।
छह अधिवक्ताओं का पैनल बनाया
शहर में बालिका के साथ हुए दुष्कर्म के मामले में जिला बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं का पैनल बनाया है। एसोसिएशन ने सांसद अजय भट्ट के माध्यम से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र भेजते हुए फास्ट ट्रैक कोर्ट की मांग की है। सांसद अजय भट्ट से मुलाकात कर कहा कि पीड़िता और उसका परिवार आर्थिक रूप से कमजोर है, जिससे उनका नियमित पॉक्सो कोर्ट तक आना-जाना कठिन है।
फास्ट ट्रैक कोर्ट की स्थापना के लिए पूर्व में हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार की ओर से मुख्य सचिव को पत्र लिखा जा चुका है यदि नैनीताल में फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन होता है तो पीड़िता को शीघ्र न्याय मिल सकेगा। पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए नैनीताल बार एसोसिएशन ने छह अधिवक्ताओं का पैनल गठित किया है। इसमें अधिवक्ता गोपाल सिंह कपकोटी, मनीष मोहन जोशी, पंकज सिंह चौहान, सुभाष जोशी, मुन्नी आर्या और आकांक्षा शामिल हैं। यह पैनल पीड़िता की ओर से केस की पैरवी करेगा।
पीड़िता का निशुल्क केस लड़ेंगे दो अधिवक्ता
दुष्कर्म पीड़ित बालिका का मुकदमा लड़ने के लिए अधिवक्ता संजय त्रिपाठी और स्वाति परिहार आगे आए हैं। उन्होंने निशुल्क पैरवी की बात कही है। दोनों ने कहा कि वह पीड़िता का मुकदमा लड़ने के लिए कोई शुल्क नहीं लेंगे। दोनों अधिवक्ताओं ने कहा कि पीड़िता के बाद की पैरवी के अलावा हर स्तर पर मदद करने के लिए तैयार हैं।
तोड़फोड़ के बाद तीन संचालकों ने दी तहरीर
मल्लीताल में बालिका से दुष्कर्म के बाद बीते 30 अप्रैल को मल्लीताल में तोड़फोड़ और मारपीट के बाद दुकानों के संचालक अब सामने आने लगे हैं। तीन रेस्टोरेंट संचालकों ने पुलिस को तहरीर दी है। मल्लीताल में हुई घटना के बाद लोगों का आक्रोश फूट पड़ा था। विरोध के दौरान अराजकतत्वों ने समुदाय विशेष की कई दुकानों में तोड़फोड़ की थी। तीन रेस्टोरेंट संचालकों माजिद अली, जलालुद्दीन और मो. अहमद ने सोमवार को पुलिस को तहरीर दी। तीनों ने कहा कि 30 अप्रैल की रात को कई लोगों ने उनकी दुकानों में तोड़फोड़ की। साथ ही उनके साथ मारपीट भी की जिससे उनको नुकसान हुआ है।
उन्होंने सीसीटीवी फुटेज की जांच कर आरोपियों पर कार्रवाई की मांग की है। मामले की जांच कर रहे एसओ रमेश सिंह बोहरा ने बताया कि लोगों के बयान लिए जा रहे हैं, जिन पुलिस कर्मी के साथ भीड़ ने धक्कामुक्की की उनके भी बयान लिए गए हैं। साथ ही घटनास्थल का निरीक्षण भी किया गया है। बताया कि इन शिकायतों को भी जांच में शामिल किया जाएगा। जांच के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।