नैनीताल / रामनगर : गर्जिया मंदिर पावन धाम में नहीं हैं कोई पार्किंग की व्यवस्था

Spread the love

गर्जिया में कोसी नदी के बीच गिरिजा माता का मंदिर लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। माता के दर्शनों के साथ ही कोसी नदी में स्नान के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ता है लेकिन श्रद्धालुओं के लिए पार्किंग की व्यवस्था नहीं है। पार्किंग न होने से गर्जिया मंदिर से हाईवे तक जाम लगा रहता है। वन भूमि होने से पार्किंग की व्यवस्था नहीं हो पा रही है। नवरात्र या अन्य पर्वों पर पुलिस को जाम खुलवाने के लिए मशक्कत करनी पड़ती है।

बुद्ध व कार्तिक पूर्णिमा पर उमड़ती है भीड़
बुद्ध और कार्तिक पूर्णिमा पर गिरिजा देवी के दर्शन और कोसी नदी में स्नान के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ती है। इसके अलावा गंगा दशहरा, नव दुर्गा, शिवरात्रि, उत्तरायणी, वसंत पंचमी पर भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं।

कूर्मांचल की प्राचीन बस्ती ढिकुली के पास थी। यहां वर्तमान में रामनगर बसा हुआ है। कोसी नदी के किनारे बसी इस नगरी का नाम तब वैराट पत्तन या वैराट नगर था। कत्यूरी राजाओं के आने से पूर्व यहां पहले कुरु राजवंश के राजा राज्य करते थे। वह प्राचीन इंद्रप्रस्थ (आधुनिक दिल्ली) के साम्राज्य की छत्रछाया में रहते थे। ढिकुली, गर्जिया क्षेत्र का करीब तीन हजार वर्ष पुराना इतिहास रहा है। कत्यूरी राजवंश, चंद राजवंश, गोरखा और अंग्रेजी शासकों ने यहां की पवित्र भूमि का सुख भोगा है। गर्जिया नामक शक्ति स्थल 1940 से पहले उपेक्षित था। 1940 से पहले की भी कई जनश्रुतियां हैं। वर्ष 1940 से पूर्व इस मंदिर की स्थिति आज की जैसी नहीं थी।
मंदिर का धार्मिक महत्व
लोक मान्यता है कि वर्ष 1940 से पूर्व इस क्षेत्र में घना जंगल था। सबसे पहले वन विभाग के कर्मचारियों और स्थानीय निवासियों ने टीले पर मूर्तियां देखीं। उन्हें माता की उपस्थिति का एहसास हुआ। एकांत सुनसान जंगली क्षेत्र, टीले के नीचे बहती कोसी की प्रबल धारा, घासफूस की सहायता से ऊपर टीले तक चढ़ना, जंगली जानवरों की मौजूदगी के बावजूद भी भक्तजन इस स्थान पर मां के दर्शनों के लिए आने लगे। वन विभाग के तत्कालीन बड़े अधिकारी भी यहां आए। कहा जाता है कि टीले के पास मां दुर्गा का वाहन शेर भयंकर गर्जना करता था।

और पढ़े  कैंचीधाम स्थापना दिवस: 14 और 15 जून को इस तरह होगा श्रद्धालुओं का आगमन,इन वाहनों की नो एंट्री... कहां होगी पार्किंग? जानें सबकुछ

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!