जब करीब पहुंचे तो कुछ नागा साधुओं की पीठ पर उसी प्रकार से वर्ण लिखे हुए थे जैसे किसी चश्मे की दुकान या अस्पताल में जब आप जाते हैं तो आंख का परीक्षण कराते समय आपको दिखाई देते हैं। इसके बारे में जानकारी की तो पता चला कि यहां लोगों का मुफ्त में आई-टेस्ट हो रहा है। एक संस्था है जो लोगों को आई-टेस्ट कर रही है वो भी मुफ्त। वैसे तो कई संस्थाएं महाकुंभ में है जो फ्री में अपनी सेवाएं दे रही हैं। मेले में कुछ संस्थाएं फ्री में आंखों की जांच कर चश्मे भी बांट रहीं हैं, तो कुछ संस्थाएं लोगों को दिव्यांग होने पर मदद करने वाली कुर्सी और अन्य सहायक सामग्री उपलब्ध करा रही हैं।
आंख और डायबिटीज की समस्या के बारे में तो कई संस्था काम कर रही हैं लेकिन आईबेटेस फाउंडेशन ने जो तरीका अपनाया वो सच में बेहद अनोखा था। इस संबंध में उनके अधिकारियों ने जानकारी दी कि उन्होंने यह काम 10 फरवरी से शुरू किया है और यह महाकुंभ मेले के समापन तक चलेगा। उन्होंने बताया कि डायबिटीज की वजह से बहुत सारे लोगों के सामने अंधेपन की समस्या होने की आशंका है और वह लोगों को जागरूक कर रहे हैं।
