
भारत के कुछ जगहों पर करवा चौथ का चांद दिखाई दिया है। जहां पर सुहागिन महिलाएं चंद्रदेव को अर्घ्य देकर व्रत का समापन किया है।
हिंदू धर्म में करवा चौथ का विशेष महत्व होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर करवा चौथ का व्रत रखा जाता है। करवा चौथ पर निर्जला व्रत और चंद्रमा के दर्शन कर अर्ध्य देने का खास महत्व होता है। इस बार करवा चौथ बहुत ही शुभ है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार किसी भी पूजा में अगर मंत्रों का जाप किया जाय तो पूजा अवश्य ही सफल होती है। मंत्रों के जाप से देवी-देवता प्रसन्न होते हैं और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करते हैं। करवा चौथ पर भगवान शिव-माता पार्वती, भगवान गणेश और चंद्रदेव की पूजा करने का विधान होता है।
हिंदू धर्म में कोई भी पूजा, व्रत और धार्मिक अनुष्ठान बिना आरती के पूरी नहीं मानी जाती है। करवा चौथ पूजा और कथा सुनने के बाद सभी सुहागिन महिलाओं को करवा माता की आरती की आरती जरूर करनी चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आरती करने पर देवी-देवता सबसे ज्यादा प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद प्रदान करते हैं। ऐसे में करवा चौथ में पूजा, कथा और चंद्र दर्शन के साथ करवा माता की आरती जरूर करनी चाहिए।
श्रीगणेश का मंत्र – ॐ गणेशाय नमः
शिव का मंत्र – ॐ नमः शिवाय
स्वामी कार्तिकेय का मंत्र – ॐ षण्मुखाय नमः
चंद्रमा का पूजन मंत्र – ॐ सोमाय नमः
‘मम सुख सौभाग्य पुत्र-पौत्रादि सुस्थिर श्री प्राप्तये करक चतुर्थी व्रतमहं करिष्ये।’
‘नमस्त्यै शिवायै शर्वाण्यै सौभाग्यं संतति शुभा। प्रयच्छ भक्तियुक्तानां नारीणां हरवल्लभे।’