बांग्लादेश की राजनीति में एक युग का पटाक्षेप हो गया। संघर्ष, सत्ता और साहस की प्रतीक रहीं बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री और बीएनपी की अध्यक्ष खालिदा जिया का 80 साल की उम्र में निधन हो गया। बीएनपी पार्टी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर इस बात की जानकारी दी। पार्टी ने लिखा कि बांग्लादेश की अनुभवी नेता का कई स्वास्थ्य समस्याओं से जूझने के बाद निधन हो गया।
पार्टी की ओर से जारी बयान के अनुसार, खालिदा जिया ने सुबह करीब 6 बजे ढाका के एवरकेयर अस्पताल में अंतिम सांस ली। बता दें कि खालिदा जिया पिछले 36 दिनों से अस्पताल में भर्ती थीं। उन्हें 23 नवंबर को दिल और फेफड़ों में संक्रमण के बाद भर्ती कराया गया था। इसके अलावा वह निमोनिया से भी पीड़ित थीं।
बीएनपी ने घोषित किया सात दिन का राष्ट्रीय शोक
इसी बीच बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) पार्टी ने मंगलवार 30 दिसंबर 2025 से सात दिन का आधिकारिक शोक घोषित किया है। मामले में बीएनपी के वरिष्ठ संयुक्त महासचिव रुहुल कबीर रिजवी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में शोक कार्यक्रम की रूपरेखा बताई। इसके तहत पार्टी का केंद्रीय कार्यालय नयापालटन और पूरे देश में सभी पार्टी कार्यालयों पर काले झंडे लहराए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि पार्टी के नेता, कार्यकर्ता और समर्थक स्मृति चिन्ह के रूप में काले बैज पहनेंगे। इसके अलावा पार्टी कार्यालयों और अन्य स्थानों पर दुआ महफिल और कुरान पाठ आयोजित किए जाएंगे। सदस्यों और जनता को सम्मान व्यक्त करने का अवसर देने के लिए बीएनपी के केंद्रीय कार्यालय, ढाका में गुलशन कार्यालय और जिला कार्यालयों में संवेदना पुस्तिकाएं खोली गई हैं।
पार्टी ने लोगों से की दुआ करने की अपील
बीएनपी ने अपने बयान में कहा कि बीएनपी की अध्यक्ष, पूर्व प्रधानमंत्री और राष्ट्रीय नेता बेगम खालिदा जिया का आज सुबह फज्र की नमाज के बाद निधन हो गया। पार्टी ने लोगों से उनकी आत्मा की शांति के लिए दुआ करने की अपील की है।
डॉक्टरों ने रात में बताया था- हालात अत्यंत नाजुक
इससे पहले रविवार देर रात खबर एजेंसी यूएनबी ने डॉक्टरों के हवाले से बताया था कि खालिदा जिया की हालत ‘अत्यंत नाजुक’ है। मेडिकल बोर्ड के सदस्य डॉ. जियाउल हक ने कहा कि उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया है। इस दौरान डॉक्टरों ने बताया कि खालिदा जिया को नियमित रूप से किडनी डायलिसिस की जरूरत पड़ रही है। जब भी डायलिसिस रोका जाता है, उनकी सेहत तेजी से बिगड़ जाती है।
इलाज के लिए विदेश ले जानी की थी तैयारी
मीडिया रिपोर्ट और पार्टी के हवाले से बताया गया था कि बिगड़ती तबितय को देखते हुए इस महीने की शुरुआत में उन्हें विदेश ले जाकर इलाज कराने की कोशिश की गई थी, लेकिन उनकी कमजोर सेहत के कारण यह संभव नहीं हो सका।







