
*अयोध्या में दो संत एक दिन में दो जगहों पर राम की पैड़ी और अयोध्या रेलवे स्टेशन पर तड़प तड़प कर मौत हो गया*
धर्म नगरी अयोध्या में *एक ही दिन चार लावारिस साधू संत सड़कों पर बीमार अवस्था* में पड़े थे जब *गौ सेवक रितेश मिश्रा* इन साधु संतों को अस्पताल ले जाते हैं तो *श्री राम हॉस्पिटल के डॉक्टर नाराज हो जाते हैं* कि कहां कहां से ले आते हो इन्हें को धमकी भी देते हैं अगर *लावारिस व्यक्ति की मौत होगा* तो गौ सेवक *रितेश मिश्रा तुम जेल चलें जाओगे* इसी डर के वजह उन्हें अस्पताल नहीं ले गए सरकारी *डॉक्टरों के कलम में ताकत* होता है वह *कुछ भी कर सकते* हैं अयोध्या की सड़कों पर एक ही दिन में *दो जगहों पर दो संत तड़प तड़प कर मर गए* और *दो संत का इलाज करवा करके उनका जान भी बचाए* उन्हें लावारिस अवस्था में पोस्टमार्टम हाउस में रखा गया है एक लावारिस बाबा को जब रात में 11:00 बजे अयोध्या के *सीओ साहब मिलने गए* तो उस बाबा के *हाथ से काफी खून गिर रहा था* और वहां पर कोई *नर्स नहीं मौजूद थी* और गेट बन्द था सीओ साहब के फटकार पर बाद में *इमरजेंसी वार्ड के डॉक्टर साहब देखने आए* अयोध्या के *जनप्रतिनिधियों को सहयोग* करना चाहिए और अस्पतालों का *निरीक्षण* करना चाहिए तब उनको हकीकत पता चलेगा जिस तरीका से अयोध्या की सड़कों पर दो जगह तड़प तड़प के संत की मौत हुई है बहुत दुखी हूं पहला *एक संत राम की पैड़ी में मौत हुआ* वहीं दूसरी ओर *अयोध्या रेलवे स्टेशन पर मौत हुआ* यह दोनों लोग बीमार अवस्था में थे जब डॉक्टर साहब लोगों की *धमकी देंगे तब कौन अस्पताल ले जाएगा* मैं अयोध्या पुलिस प्रशासन से सहयोग चाहता हूं लावारिस व्यक्ति अयोध्या की सड़कों पर काफी हैं बीमार अवस्था में है अगर आप साथ चलेंगे तो अस्पताल ले जाऊंगा या वरना उन्हें छोड़कर फोटो खींचकर के सोशल मीडिया पर वायरल करूंगा