यह कहानी है अभय सिंह की, जिन्हें आज दुनिया आईआईटी बाबा या मसानी गोरख के नाम से जानती है। एक ऐसा व्यक्तित्व, जिसने 35 लाख के पैकेज वाली नौकरी को छोड़कर आध्यात्मिकता की राह पकड़ ली। महाकुंभ में उनके गहरे विचारों ने लोगों को इतना प्रभावित किया कि उनकी कई वीडियो वायरल हो गईं। लेकिन यह सफर आसान नहीं था, यह आत्म खोज और आंतरिक शांति की यात्रा थी, जो उन्होंने आईआईटी बॉम्बे के गलियारों से शुरू की थी।
आईआईटी से आध्यात्मिकता तक: एक अनूठी यात्रा
अभय सिंह ने आईआईटी बॉम्बे से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी। उनका अकादमिक जीवन शानदार था, लेकिन उनके मन में हमेशा एक सवाल गूंजता था—“जीवन का असली मकसद क्या है?”
जहां उनके दोस्त गणितीय समीकरणों और तकनीकी प्रोजेक्ट्स में उलझे रहते थे, वहीं अभय किसी और ही दुनिया में खोए रहते। उन्होंने महसूस किया कि असली सफलता केवल डिग्रियों, पैसों और करियर में नहीं, बल्कि आत्मिक संतोष और जीवन के गहरे रहस्यों की खोज में है।