रविवार तड़के हुई बारिश के बाद सुबह साढ़े नौ बजे काठगोदाम में बैराज का गेट अचानक खोलने से गौला नदी में जलस्तर काफी बढ़ गया और मजदूरों की जान आफत में आ गई। रेता-बजरी से भरे कई वाहन भी पानी में फंस गए। देर शाम पानी कम होने के बाद कुछ वाहन निकाले जा सके। नंधौर नदी में बारिश का पानी बढ़ने के बाद हुई फजीहत से भी प्रशासन के सबक न लेने के कारण यह स्थिति बनी।
अब बाकी बचे ढाई सौ से ज्यादा वाहन सोमवार को निकाले जाएंगे।रविवार तड़के हुई बारिश के बाद गौला का जलस्तर 1909 क्यूसेक पहुंच गया। सिल्ट आने के कारण बैराज की जालियों में कचरा फंस गया। इस कारण पानी बढ़ता गया। सुबह 9:30 बजे बैराज के गेट खोल दिए गए। इसके कुछ देर बाद ही नदी में पानी काफी बढ़ गया। इससे गौला में खनन कार्य में लगे वाहन चालकों व मजदूरों में हड़कंप मच गया।
गौला के शीशमहल गेट से लेकर लालकुआं तक उपखनिज की निकासी को पहुंचे डंपर व ट्रक भी फंस गए। देर शाम जलस्तर घटने पर कुछ वाहन निकाले जा सके। इसके बावजूद 268 ट्रक व डंपर फंसे रह गए। इनकी निकासी अब सोमवार को की जाएगी। गौला रेंजर चंदन अधिकारी ने बताया कि गौला में सात हजार से अधिक वाहन उपखनिज की निकासी कर रहे हैं। बारिश बढ़ने के कारण खनन वाहन नदी में फंसे रह गए। शीशमहल गेट में सबसे अधिक 101 वाहन तय समय पर निकासी नहीं कर पाए। इंदिरानगर गेट में भी 98 वाहन फंसे हैं।