Corona Vaccine : आने वाले अगले 4 महीने में बर्बाद हो जाएंगी करोड़ों की वैक्सीन, क्यों नहीं दे रहे अस्पताल नए ऑर्डर?

Spread the love

कोरोना महामारी से जंग अभी तक खत्म नहीं हुई है। भारत में कोरोना वायरस से संक्रमण के नए मामलों में एक बार फिर से इजाफा देखने को मिल रहा है। कोविड-19 के दैनिक मामलों की संख्या एक महीने पहले की तुलना में दोगुनी से भी अधिक हो गई है। अचानक बढ़ते मामलों की वजह से एक बार फिर से लोगों के बीच डर का माहौल बनने लगा है। बड़े पैमाने पर वैक्सीनेशन अभियान भी जारी है। लोगों को बूस्टर खुराक भी दी जा रही है। हालांकि इसी बीच कोविड-19 के टीकों के इस्तेमाल की मियाद कम होने और मांग घटने के कारण वैक्सीन की करोड़ों खुराक अगले तीन से चार महीनों में एक्सपायर यानी बेकार होने जा रही हैं। टीका उद्योग से जुड़े सूत्रों ने संकेत दिया है कि कोरोना के टीका का ज्यादा वक्त तक कारगर रहने के प्रमाण मिल रहे हैं। इसलिए वे समय-समय पर इस्तेमाल की मियाद बढ़वाने की कोशिश कर रही हैं।

कंपनियां कर रहीं अस्पतालों से बात
अमर उजाला को विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, भारत बायोटेक जैसी कंपनियां अपना स्टॉक बेचने के लिए पिछले कुछ महीनों से निजी अस्पतालों के साथ पूरी सक्रियता से काम कर रही हैं। कंपनी एक्सपायर हो चुकी खुराकों की जगह दूसरी खुराक दे रही हैं और उन्हें स्टॉक खपाने में मदद कर रही हैं। हालांकि अभी तक यह साफ नहीं हो सका है कि कोवॉक्सिन की कितनी खुराकों की मियाद खत्म होने जा रही है।

सूत्रों के अनुसार, पुणे की सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के पास कोविशील्ड की करीब 20 करोड़ खुराक हैं, जिन्हें दिसंबर में बनाया गया था और जो सितंबर में एक्सपायर हो जाएंगी। अगर कंपनी इन खुराकों को खपाने की योजना सफल नहीं रही तो इन्हें नष्ट करना होगा। हालांकि सीरम सीरम इंस्टीट्यूट की तरफ से अभी इसकी पुष्टि नहीं की गई है। लेकिन पिछले महीने दावोस में विश्व आर्थिक मंच को संबोधित करते हुए कंपनी के के सीईओ अदार पूनावाला ने संकेत दिया था कि कंपनी की कम से कम 20 करोड़ खुराक बर्बाद हो जाएंगी। कंपनी को इन्हें नष्ट करना होगा, क्योंकि उनकी मियाद इस साल अगस्त-सितंबर में खत्म होने जा रही है। कोवॉक्सिन की मियाद 12 महीने की होती है। जबकि कोविशील्ड नौ महीने में एक्सपायर हो जाती है। भारत में टीकाकरण में करीब 80 फीसदी खुराक कोविशील्ड की लगी हैं।
राज्य और कंपनी के पास हैं करोड़ों खुराक
इधर, स्वास्थ्य मंत्रालय से जुड़े सूत्रों का कहना है कि सीरम ने इतनी खुराकों को खत्म करने का सोचने से पहले इन्हें फ्री में उपलब्ध करवाने या इन्हें राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम में इस्तेमाल करने के लिए मंत्रालय से कोई भी संपर्क नहीं किया। सीरम ने दिसंबर से उत्पादन रोक दिया था, क्योंकि 25 करोड़ खुराकों का स्टॉक पहले ही तैयार हो गया था। इनके पास बल्क में भी करीब 20 से 25 करोड़ खुराक हैं। इसके बाद कंपनी ने निर्यात, अंतरराष्ट्रीय करारों और भारत में निजी और सार्वजनिक क्षेत्र को आपूर्ति के करारों के जरिए अपना कुछ स्टॉक बेचा है।

और पढ़े  चैंपियन दिव्या देशमुख: विश्व महिला शतरंज चैंपियन दिव्या नागपुर लौटीं, परिवार और कोच को दिया जीत का श्रेय

कंपनी से जुड़े सूत्रों का कहना कि कंपनी के पास पुणे में अब भी एस्ट्राजेनेका के टीके और कोविशील्ड की 20 करोड़ तैयार खुराक हैं। इसके अलावा राज्यों के पास भी बड़ी मात्रा में खुराक हैं, जिनमें से कई एक्सपायर होने के कगार पर हैं। हालांकि राज्यों का केंद्र सरकार और कंपनी को तर्क दिया है कि वे इस स्टॉक को इस्तेमाल करेंगे, क्योंकि बूस्टर डोज के कारण टीकाकरण की रफ्तार बढ़ी है।


Spread the love
  • Related Posts

    नए नियम: जानें आज से क्या-क्या बदलेगा..,यूपीआई से लेकर एलपीजी गैस की कीमतों तक

    Spread the love

    Spread the loveहर महीना नए बदलावों को लेकर आता है। इसी क्रम में आज यानी एक अगस्त से भी कुछ ऐसे नियमों में बदलाव हो रहा है जिनका आप पर…


    Spread the love

    यूक्रेन में तबाही- कीव पर फिर बरसी रूस की मिसाइलें, एक मासूम समेत 6 की मौत,कई लोग मलबे में दबे

    Spread the love

    Spread the love     20 महीनों से ज्यादा समय से चल रहे रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध अभी भी खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। इसी…


    Spread the love

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *