सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें बॉम्बे हाईकोर्ट का नाम बदलकर महाराष्ट्र हाईकोर्ट करने का निर्देश देने की मांग की गई थी। जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस विक्रम नाथ की बेंच ने एक पूर्व जज की ओर से दायर याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा, ये मुद्दा कानून निर्माताओं को तय करना है। कोर्ट ने पूछा, आपके पास इसे यहां लेने का कौन सा मौलिक अधिकार है?
26 वर्षों तक जज के रूप में काम कर चुके ठाणे के वीपी पाटिल की ओर से याचिका दायर की गई थी।
पाटिल ने मांग की थी कि अन्य राज्यों के संबंधित अधिकारियों को भी निर्देश दिया जाना चाहिए कि वे अपने उच्च न्यायालयों के नाम उन राज्यों के नाम के अनुसार बदलें, जहां वे स्थित हैं।
महाराष्ट्र के लोगों की विशिष्ट संस्कृति, विरासत और परंपराओं के संरक्षण के लिए वीपी पाटिल ने ‘महाराष्ट्र अनुकूलन कानून आदेश, 1960’ (राज्य और समवर्ती विषय) के एक खंड के कार्यान्वयन के लिए प्रभावी कदम उठाने के लिए अधिकारियों को निर्देश देने की मांग की थी।
पाटिल का कहना था कि महाराष्ट्र शब्द का उच्चारण एक महाराष्ट्रीयन के जीवन में विशेष महत्व को दिखाता है और इसके इस्तेमाल को उच्च न्यायालय के नाम पर भी अभिव्यक्ति मिलनी चाहिए।