यूपी के बाराबंकी में सरकारी योजनाओं में करोड़ों के बंदरबांट का मामला सामने आया है. इस मामले में 20 लोगों के खिलाफ नोटिस जारी किया गया हैं
यूपी के बाराबंकी में सरकारी योजनाओं में पैसों के बंदरबांट का मामला सामने आया है. दूसरी तरफ केंद्र और राज्य सरकार बेरोजगारों को स्वरोजगार देने और औद्योगीकरण को बढ़ावा देने के लिए तमाम योजनाएं चला रही है. मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना (MMGRY) और प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) योजना के साथ ही प्रदेश में ओडीओपी यानी एक जनपद एक उत्पाद समेत कई योजनाएं भी चल रही हैं.
हकदारों तक नहीं पहुंच पा रहा योजना का लाभ
जानकारी के मुताबिक इन योजनाओं में राज्य और केंद्र सरकार सब्सिडी यानी छूट भी दे रही हैं, लेकिन इन योजनाओं पर फर्जीवाड़े का खेल इस कदर हावी हो गया है कि योजना का लाभ हकदारों तक नहीं पहुंच पा रहा है. यूपी के बाराबंकी में ये योजनाएं करप्शन सेंटर बन गई हैं, जिसमें तकरीबन 2 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया है.
मामले का ऐसे हुआ खुलासा
दरअसल, बेरोजगारी को दूर करने के लिए सरकार तमाम योजनाओं को बैंक के माध्यम से चला रही है, लेकिन बैंक के अधिकारियों की मिली भगत से इन सरकारी योजनाओं पर पलीता लगाया जा रहा है. बाराबंकी में एक ऐसे ही मामले का खुलासा हुआ है. यहां के आर्यावर्त ग्रामीण बैंक सूरतगंज में योजनाओं में सरकारी धन के दुरुपयोग का मामला सामने आया है. इस बैंक से जब करीब 2 करोड़ रुपये के सरकारी धन के दुरुपयोग का मामला सामने आया तो जिम्मेदारों की नींद टूटी. फिर बैंक के उच्च अधिकारियों द्वारा जांच शुरू कराई गई है. फिलहाल, बैंक की तरफ से 20 लोगों को सरकरी धन के दुरुपयोग के संबंध में नोटिस जारी किया गया है.
ऋण दिलाने के नाम पर हुई धांधली
दरअसल, सरकारी योजना के तहत ऋण दिलाने के नाम पर हुई धांधली को लेकर बाराबंकी के पीड़ित अनिल कुमार ने इस संबंध मे जिला अधिकारी बाराबंकी से लिखित शिकायत दर्ज करवाई है, जिसके बाद सूरतगंज आर्यावर्त ग्रामीण के ब्रांच मैनेजर ओमप्रकाश ने ऐसे 20 लोगों को सरकारी धन के दुरूपयोग के संबंध में नोटिस जारी किया है. जहां व्यवसाय चलाने के लिए गए ऋण से यूनिट ही नहीं लगी मिली.
बैंक मैनेजर ने दी जानकारी
वहीं, वर्तमान बैंक मैनेजर ओम प्रकाश की माने तो निरीक्षण के दौरान पता चला कि सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की यूनिट मौके पर लगी नहीं है. फिर भी ऋण स्वीकृत हो गया है. वहीं, जिन लोगों का ऋण स्वीकृति हुआ है, उनका कहना है कि पूर्व में बैंक मैनेजर रहे रामलाल और बैंक मित्रों ने धोखाधड़ी करते हुए उनके पैसे हड़प लिए हैं. फिलहाल, पूर्व बैंक मैनेजर रामलाल के खिलाफ जांच भी चल रही है. वहीं, इस मामले में आरोपों के घेरे में आए पूर्व बैंक मैनेजर रामलाल का अपनी सफाई में कहना है कि जब ऋण स्वीकृत किया गया था तो यूनिट लगाई गई थी.
इस मामले में आर्यावर्त ग्रामीण बैंक सूरतगंज के मैनेजर ओमप्रकाश ने जानकारी दी. उन्होंने बताया कि ये सरकारी की महत्वाकांक्षी योजनाएं हैं, जिसमें लगभग 20 लोगों को नोटिस जारी किया गया हैं. क्योंकि प्रोजेक्ट स्टैब्लिश ही नहीं हुआ, लेकिन लोन सैंग्सन हो गया. इन सभी मामलों में लगभग 2 करोड़ रुपये के सरकारी धन के बंदरबांट का मामला सामने आ रहा है. उन्होंने बताया की ये लगभग 6 से 8 माह पहले का मामला है. सभी मामले में जांच की जा रही है.
क्षेत्रीय बैंक प्रबंधक ने दी जानकारी
वहीं, इस संबंध में क्षेत्रीय बैंक प्रबंधक उमाशंकर वर्मा ने जानकारी दी. उन्होंने बताया कि मामला मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री रोजगार योजना के अलावा ओडीओपी यानी वन डिस्टिक वन प्रोडक्ट योजना से भी जुड़ा हुआ है. इसलिए इसकी उच्च स्तरीय जांच चल रही है.