अयोध्या: प्री मानसून बारिश के चलते रामपथ पर गड्ढे, लचर इंजीनियरिंग का नतीजा।
दो अलग-अलग दिनों में प्री मानसून बारिश के दौरान नवनिर्मित रामपथ पर जगह-जगह गड्ढे क्यों हो गए? यह सवाल हर किसी को परेशान किए हुए है। इसका जवाब तलाशने के लिए हमने इस पथ का निर्माण कराने वाले लोक निर्माण विभाग से इसकी तकनीकी खामी समझी। दरअसल सड़कों का धंसना काम में जल्दबाजी और लचर इंजीनियरिंग का नतीजा है।
प्री मानसून की बारिश में कुछ जगहों पर रामपथ के धंसने की वजह सामने आ गई है। इस मार्ग के बनने के दौरान कुछ हिस्सों में बहुत तेजी से काम किया गया। ऐसे में गड्ढों की खोदाई के बाद मिट्टी की परतों के दबने की प्राकृतिक प्रक्रिया के लिए काफी कम समय मिला। इसलिए अब जब दो चरणों में भारी बारिश हुई तो यही प्रक्रिया फिर से शुरू हो जाने से सड़क में गड्ढे हो गए। फिलहाल जल निगम ने इन सभी गड्ढों को भरवा दिया है। लोक निर्माण विभाग के समन्वय से मार्ग पर बने सीवर चैंबरों की निगरानी की जा रही है।
अधिशासी अभियंता ध्रुव अग्रवाल ने बताया कि रामपथ में बहुत सारी अंडरग्राउंड लाइन पड़ी हैं। इसमें अमृत योजना के तहत गहरी सीवर लाइन भी डाली गई है। इसके अलावा बहुत सारे मैनहोल बनाए गए हैं। इस पथ के निर्माण और अन्य कार्यों के दौरान कुछ जगहों पर तेजी से काम कराए जाने के चलते गहरे गड्ढों के प्राकृतिक संपीडन (नेचुरल कांपेक्शन) के लिए समय कम मिला। यह प्रक्रिया गड्ढों की मिट्टी की परतों के धीरे-धीरे दबने और स्थिर होने से जुड़ी होती है, जो न केवल इन संरचनाओं की मजबूती बढ़ाती है, बल्कि उनकी दीर्घकालीन स्थिरता भी सुनिश्चित करती है। ऐसे में पहली दो बारिश 176 एमएम तक हुई। इसीलिए जमीन के स्रोतों से पानी भीतर पहुंचा तो मिट्टी की परतें दबने लगीं। इस कारण कुछ जगहों पर सड़क धंसी है।
जल निगम के अधिशासी अभियंता आनंद दुबे ने बताया कि रामपथ के सभी सात स्थानों पर हुए गड्ढों को गिट्टी और बालू से भरने के बाद स्थायी पेंटिंग भी करवा दी गई है। पुलिस लाइन, रेलवे स्टेशन मोड़ और चौक घंटाघर के पास भी धंसी सड़कों की मरम्मत करा दी गई है। जिला अस्पताल के पास एक स्थान पर मरम्मत के बाद फिर से गड्ढा हो गया था। इसे भी ठीक करा दिया गया है। अब सभी सीवर चैंबरों की पीडब्ल्यूडी के साथ मिलकर निगरानी की जा रही है। इसके लिए अवर अभियंताओं की टीम लगा दी गई है।