आतिशी को मिला बंगला PWD ने घर किया अलॉट, जिस बंगले में रहते थे केजरीवाल अब वहीं रहेंगी आतिशी

Spread the love

मुख्यमंत्री आतिशी को लोक निर्माण विभाग ने शुक्रवार को सिविल लाइन, 6 फ्लैग स्टाफ रोड स्थित मुख्यमंत्री आवास आवंटित कर दिया। आवास सील करने को लेकर बुधवार को जमकर हंगामा हुआ था। साथ ही, आतिशी के सामान को लोक निर्माण विभाग ने बाहर कर दिया था।

लोक निर्माण विभाग के मुताबिक, सभी कार्रवाई करने के बाद नियम के तहत आवास आवंटित कर दिया गया है। विभाग के आवंटन निदेशक की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि दिल्ली प्रशासन सरकारी आवास आवंटन (सामान्य पूल) नियम, 1977 के प्रावधानों के अनुसार मुख्यमंत्री आतिशी को आवास आवंटित किया गया है। मुख्यमंत्री को आठ दिनों के भीतर इस कार्यालय में पासपोर्ट आकार की सत्यापित पारिवारिक फोटो देनी होगी। इसके बाद उन्हें नियम के तहत प्राधिकरण पर्ची दी जाएगी, ताकि वे पर्ची में उल्लिखित तिथि के भीतर आवंटित आवास का कब्जा ले सकें। तय समय में कब्जा लेने में विफल रहने की स्थिति में, आवंटन को रद्द माना जाएगा। इसके अलावा मुख्यमंत्री आवास को लेने के 15 दिनों के भीतर दूसरा आवास खाली करना होगा। मुख्यमंत्री आवास विभिन्न उल्लंघन के लिए सीबीआई व अन्य जांच एजेंसियों के अधीन है। ऐसे में मुख्यमंत्री को जांच में पूरा सहयोग करना होगा।

 

सात अक्तूबर को सीएम आवास में शिफ्ट हो गई थीं आतिशी
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी सात अक्तूबर को सिविल लाइंस स्थिति फ्लैग स्टाफ रोड पर बंगला नंबर छह में शिफ्ट हो गई थीं। मुख्यमंत्री आवास पर आने के बाद सोमवार को उन्होंने स्थानीय कर्मचारियों के साथ बैठक भी की थी। साथ ही विभिन्न विषयों पर चर्चा की थी। लेकिन बाद में पीडब्ल्यूडी ने उनका सामान बाहर निकाल दिया गया था।

भाजपा ने बताती है शीश महल
हाल में यह बंगला इसलिए चर्चा में रहा क्योंकि भाजपा ने इसके नवीनीकरण में व्यापक भ्रष्टाचार के आरोप लगाए और इसे ‘शीश महल’ की संज्ञा दी।

और पढ़े  ED ने किया रियल एस्टेट कंपनी रामप्रस्थ ग्रुप के निदेशक संदीप यादव और अरविंद वालिया को गिरफ्तार, यह है आरोप

दिल्ली में मुख्यमंत्री को आवास कैसे मिलता है?
इस विवाद के बीच पूर्व मुख्य सचिव आलोक सहगल ने कहा है कि दिल्ली में राज निवास (दिल्ली के उपराज्यपाल का निवास) को छोड़कर कोई भी आवास आधिकारिक तौर पर किसी भी विधायक के लिए निर्धारित नहीं है। सहगल ने एक न्यूज एजेंसी को दिए साक्षात्कार में बताया कि जब कोई नया मंत्री पदभार ग्रहण करता है तो मंत्रिस्तरीय बंगलों का दोबारा आवंटन किया जाता है। इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि यही मकान अगले व्यक्ति को आवंटित किया जाएगा।सहगल ने कहा कि आवास आवंटित करने की प्रक्रिया में कई चरण शामिल होते हैं, जिसमें उचित आदेश और अवर सचिव या उप सचिव जैसे वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों द्वारा औपचारिक प्रमाणीकरण शामिल है। भले ही कोई मुख्यमंत्री हो, फिर भी आदेश पारित किया जाना चाहिए और उचित प्रक्रिया का पालन करना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि सरकारी नियमों के तहत कोई भी व्यक्ति एक साथ दो सरकारी आवास नहीं रख सकता।


Spread the love
  • Related Posts

    OTT Platforms: भारत सरकार ने लगाया इन 25 एप-वेबसाइट्स पर बैन, Ullu से लेकर ALTT के नाम, देखें लिस्ट..

    Spread the love

    Spread the love     भारत सरकार ने ऑनलाइन अश्लील सामग्री के प्रसार पर लगाम कसने के लिए 25 ओटीटी एप्स और वेबसाइट्स को ब्लॉक करने का आदेश दिया है।…


    Spread the love

    2025 नाग पंचमी- कब है नाग पंचमी? जानें क्या है पूजा की सही विधि और शुभ मुहूर्त..

    Spread the love

    Spread the love   नाग पंचमी हिन्दू धर्म का एक विशेष और आस्था से जुड़ा पर्व है, जो श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है।…


    Spread the love