उत्तराखंड हाईकोर्ट: धार्मिक पहचान छिपाकर पीड़िता से गांठी दोस्ती, फिर ठगे 15 लाख रुपये, HC ने बरकरार रखी सजा

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त्तराखंड उच्च न्यायालय के समक्ष एक ऐसा विचित्र मामला सुनवाई के लिए आया जिसमें एक ठग ने अपनी धार्मिक पहचान छुपा कर एक युवती से पहचान बढ़ाई और अपने मां बाप का एक्सीडेंट हो जाने का हवाला देकर रुपये उधार ले लिए, बाद में उन्हीं मां बाप की मृत्यु के आरोप में फंसाने की धमकी देकर 15 लाख रुपये हड़प लिए। कोर्ट ने निचली अदालत और सेशन कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए आरोपी जहीर अहमद उर्फ रोहित सक्सेना की सजा को बरकरार रखा है। कोर्ट ने कहा कि निचली अदालतों के आदेश में किसी तरह की कानूनी खामी नहीं है, इसलिए इसमें हस्तक्षेप का कोई आधार नहीं है।

न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार जनवरी 2009 में सतपुली थाना क्षेत्र में पीड़िता बबली देवी को एक महिला मोनिका के नाम से फोन आया और बातचीत बढ़ने लगी। मोनिका ने अपना परिचय देते हुए रोहित सक्सेना नामक युवक को अपना भाई बताया। इसके बाद रोहित ने झूठा बहाना बनाकर कहा कि उसके माता-पिता और बहन का एक्सीडेंट हो गया है और इलाज के लिए पैसों की जरूरत है। भावुक होकर पीड़िता ने 20,000 रुपये आरोपी के खाते में जमा कर दिए। इसके बाद रोहित लगातार पैसे मांगता रहा और जब इंकार किया गया तो धमकी दी कि वह अपने माता-पिता और बहन की मौत का इल्जाम पीड़िता व उसकी सहेली रेखा देवी पर डाल देगा। धमकी से डरी महिलाएं बार-बार रुपये देती रहीं और आरोपी के विभिन्न खातों में करीब 15 लाख 23 हजार रुपये जमा कर दिए। शिकायत पर पुलिस ने मामले की जांच कर आरोप पत्र दाखिल किया।

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कुल 13 गवाहों ने अदालत में बयान दिए, जिनमें पीड़िता और उसकी सहेली के अलावा होटल मैनेजर, मकान मालिक और खाते उपलब्ध कराने वाले लोग शामिल थे। सबूतों से साफ हुआ कि आरोपी ने धोखाधड़ी व धमकी देकर रकम वसूली थी। निचली अदालत ने 31 मार्च 2012 को आरोपी को दोषी ठहराते हुए विभिन्न धाराओं में तीन-तीन साल की सजा और 10-10 हजार रुपये जुर्माना लगाया। यह सजाएं धारा 304, 386, 420, 504 व 506 आईपीसी के तहत दी गईं और सभी सजाओं को साथ-साथ चलाने का आदेश दिया गया। आरोपी ने इस फैसले को सेशन कोर्ट में चुनौती दी, लेकिन 7 जून 2013 को अपील खारिज कर दी गई। इसके बाद आरोपी ने हाईकोर्ट में पुनरीक्षण याचिका दाखिल की। हाईकोर्ट ने मामले में न्यायमित्र से मिली जानकारी के बाद कहा कि निचली अदालत और सेशन कोर्ट ने साक्ष्यों का गहन विश्लेषण कर सही निष्कर्ष निकाला है। इस पर पुनर्विचार की कोई जरूरत नहीं है। अदालत ने साफ कर दिया कि आरोपी के खिलाफ सभी दोष सिद्ध हैं और उसकी सजा कायम रहेगी।

 

आरोपी फरार, गिरफ्तारी के आदेश
इस बीच आरोपी जहीर अहमद उर्फ रोहित सक्सेना कई तारीखों से अदालत में पेश नहीं हो रहा था और फरार हो गया था। हाईकोर्ट ने निचली अदालत को सख्त निर्देश दिए कि आरोपी की गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाए और उसे शेष सजा काटने के लिए जेल भेजा जाए। साथ ही, उसकी जमानत देने वाले जमानतदारों के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई करने का आदेश दिया ।


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