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शाहजहांपुर: भीषण हादसा- पुण्य कमाने को निकले चार परिवारों पर टूट पहाड़,12 मौतों से सिहर उठे लोग,खून से लथपथ शव देखकर दहाड़े मारकर रो पड़े परिजन….

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शाहजहांपुर: भीषण हादसा- पुण्य कमाने को निकले चार परिवारों पर टूट पहाड़,12 मौतों से सिहर उठे लोग,खून से लथपथ शव देखकर दहाड़े मारकर रो पड़े परिजन….

पूर्णिमा पर पांचाल घाट पर स्नान कर पुण्य कमाने को निकले चार परिवारों पर वज्रपात टूट पड़ा। उनकी मौत की खबर गांव पहुंची तो परिजन बिलख पड़े। जिसे जो साधन मिला, उससे पोस्टमार्टम हाउस की ओर चल दिए। पोस्टमार्टम हाउस पर खून से लथपथ शव देखकर दहाड़े मारकर रो पड़े। हादसे में किसी ने भाई तो किसी ने बेटे को खो दिया। रोते-रोते उनकी आंखों के आंसू सूख गए।

ऑटो में सवार थे दादी-पौत्र, दोनों की चली गई जान-
मदनापुर के लहसना गांव निवासी मेघवती (70) और उनका पौत्र राहुल (12) की कंटेनर और ऑटो की टक्कर में मौत हो गई। दादी अपने पौत्र को सर्दी से बचाने को शाल ओढ़ाकर लेकर बैठी थी। रास्ते में दोनों को मौत ने दबोच लिया। मेघवती धार्मिक प्रवृत्ति के होने की वजह से अक्सर गंगा स्नान के लिए जाती रहती थी। उनके पुत्र देवेंद्र का बेटा राहुल भी दादी के साथ चलने की जिद करने लगा। सर्दी के चलते उन्होंने मना कर दिया था लेकिन वह नहीं माना। गुरुवार को दादी-पौत्र व गांव की रामलली दियूरा मोड़ के पास सवारी का इंतजार करने लगे। उनके घर से निकलने के कुछ देर के बाद ही मेघवती व राहुल की मौत की खबर परिजन को मिल गई। हादसे की सूचना पर परिजन विलाप करने लगे।
इसके बाद पुलिस से संपर्क साधा, तब उन्हें शव राजकीय मेडिकल कॉलेज में होने की जानकारी मिली। परिजन तुरंत ही यहां पहुंच गए। मेघवती की मौत से बेटा देवेंद्र, रामसेवक व देशराज व दो बेटियां महेश्वरी देवी, रामगुनी का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। राहुल कक्षा छह में गांव के निजी स्कूल में पढ़ता था। वह तीन भाई-बहनों में सबसे बड़ा था। मां रेनू, बहन मनोरमा व भाई मोहित भाई का शव देखकर बिलख पड़ा। साठ वर्षीय रामलली के पति ऋषिपाल की मौत काफी पहले हो चुकी हैं। उनके दो बेटों की पहले ही मौत हो चुकी है। रामलली गांव के ही मेघवती के साथ घर में ताला डालकर गंगा स्नान के लिए निकली थीं। उनकी एक बेटी सुनीता है जिसकी शादी हो चुकी है।

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मांग का सिंदूर उजड़ा, बेटे से पिता का साया छीना-
ऑटो मालिक अनंतराम और उनकी मां राजरानी उर्फ बसंता की मौत से पूरे परिवार की खुशियां उजड़ गईं। अनंतराम की पत्नी सीमा देवी की मांग का सिंदूर उजड़ गया। बेटे के सिर से पिता का साया छीन गया हैं, साथ ही परिवार की मुखिया वसंता देवी की छाया भी खत्म हो गई। दो माैतों से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। सुबह मां-बेटे पांचाल घाट पर स्नान करने के लिए गांव के अन्य लोगों के साथ निकले थे। उनके जाने के दो घंटे बाद ही मौत की खबर ने पूरे परिवार को हिलाकर रख दिया। उनकी पत्नी सीमा देवी पति और सास की मौत की खबर सुनकर बेहोश हो गई। लोगों ने सांत्वना दी, लेकिन वह नहीं मानीं। शादी के चार साल के बाद ही उसकी दुनिया उजड़ गई थी। डेढ़ साल के बेटे रणवीर को गोद में उठाए सीमा देवी पति के शव को देखकर बिलख पड़ी। बोली-अब हम किसके सहारे जिंदगी व्यतीत करेंगे। रोते हुए कभी अनंतराम के मृत शरीर को देखती तो कभी बेटे रणवीर का गले लगा लेती। मासूम के सिर से पिता का साया छीन गया था। वह मां के आंसू देखकर बिलख पड़ा। चर्चा है कि ऑटो अनंतराम की जगह सुरेश चला रहा था।

बेटी की बच गई जान-
पूर्णिमा पर गंगा स्नान के लिए अनंतराम ऑटो लेकर जाते थे। उसमें राजरानी उर्फ बसंता के जाने की वजह से 12 साल की पौत्री खुशबू भी जाने की जिद कर रही थी। वसंता की बहू राधारानी ने कोहरा अधिक होने की वजह से उसे डांटते हुए मना कर दिया था। अनंतराम ने अगली बार लेकर चलने का वादा करते हुए रोक दिया था।
दो सगे भाइयों की मौत, पहली बार गंगा स्नान करने जा रहे थे सुरेश
गंगा स्नान करने के लिए निकले सियाराम (40) उनके सगे भाई सुरेश की मौत हो गई। सुरेश पहली बार जा रहे थे। पुत्तूलाल के कई बार कहने पर वह साथ चल दिए थे। सगे भाइयों की मौत से बहन दहाड़े मारकर रोने लगी। महिला सिपाहियों ने उन्हें किसी तरह संभाला। सियाराम हर साल पूर्णिमा पर गंंगा स्नान करने के लिए जाते थे। जबकि खेती करने वाले सुरेश पहले कभी पांचाल घाट नहीं गए थे। सुरेश की गांव के पुत्तूलाल से काफी नजदीकी थी। पुत्तूलाल ने उन्हें चलने के लिए कहा था। सुबह उन्होंने राजी कर लिया, जिसके बाद सियाराम और सुरेश ऑटो में सवार हो गए। बताते हैं कि सुरेश ही ऑटो को चला रहे थे। सगे भाइयों की मौत की सूचना मदनापुर के सुजावलपुर में रहने वाली बहन रामादेवी को मिली तो वह दहाड़े मारकर रोने लगीं। पोस्टमार्टम हाउस पर वह सुध-बुध खो बैठीं। जमीन में हाथ पटक-पटककर बोली-भगवान यह क्या किया।

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