हिन्दी एवं अन्य भारतीय भाषाओं का एकीकरण अनिवार्य

Spread the love

हिन्दी एवं अन्य भारतीय भाषाओं का एकीकरण अनिवार्य

– डॉ. विपिन कुमार (लेखक वरिष्ठ स्तंभकार एवं विश्व हिंदी परिषद के राष्ट्रीय महासचिव हैं)

उत्सवधर्मिता हमारी पहचान है। हम अपने दिन की शुरुआत ‘सुप्रभात’ जैसे मांगलिक शब्दों से करते हैं, तो अंत ‘शुभ रात्रि’ जैसे शब्दों के साथ। हमारे अधिकांश उत्सवों में मानव चेतना, प्रकृति और सहभागिता का एक अद्भुत समन्वय देखने के लिए मिलता है। हमारे उत्सवों का सबसे मुख्य आकर्षण है – शक्ति के केन्द्र प्रकाश की ऊर्जा से खुद को संवर्धित करना।

और हम भारतवासियों के लिए ‘हिन्दी’ वैसी ही एक ऊर्जा केन्द्र है। हम हिन्दी की यात्रा, उपलब्धियों और भविष्य के संकल्पों का जश्न मनाने के लिए हर वर्ष कई प्रकार के उत्सव मनाते हैं। आगामी 10 जनवरी को ‘विश्व हिन्दी दिवस’ के रूप में हमारे सामने वैसा ही एक क्षण फिर से आने वाला है।

गौरतलब है कि इस दिवस को हमारे केन्द्रीय विदेश मंत्रालय द्वारा हिन्दी के वैश्विक आयामों को पुनर्भाषित और परिलक्षित करने के उद्देश्य के साथ मनाया जाता है। इस कड़ी में, आगामी फरवरी माह में फिजी में 12वें विश्व हिन्दी सम्मेलन का आयोजन भी निर्धारित है।

हमारे सामने ऐसे सवाल बारंबार आते हैं कि हम हिन्दी के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए इतना जोर क्यों दे रहे हैं? तो, इसका जवाब यह है कि हिन्दी आज भले ही प्रतिदिन नई ऊँचाइयों को हासिल कर रहा हो, लेकिन आज भी हमारे ऐसे कई युवा हैं जो राष्ट्र निर्माण और स्वाधीनता संग्राम में हिन्दी की ऐतिहासिक भूमिका को लेकर अनजान हैं। उन्हें इसका बोध नहीं है कि यदि आज़ादी के अमृत काल में भारत खुद को एक वैश्विक महाशक्ति के रूप में स्थापित करना चाहता है, तो इसके लिए हिन्दी की अनिवार्यता कितनी अधिक है।

और पढ़े  भारत की 16वीं जनगणना: जारी हुई जनगणना की अधिसूचना, 35 लाख से ज्यादा कर्मी करेंगे डिजिटली काम,16 भाषाओं में मोबाइल एप

हिन्दी फिलहाल एक ऐतिहासिक परिवर्तन के दौर से गुजर रही है। इसका श्रेय प्रत्यक्ष तौर पर हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जाता है। क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी ही वह शख्सियत हैं, जिन्होंने प्रयासों से हिन्दी को संयुक्त राष्ट्र संघ की आधिकारिक भाषा के रूप में मान्यता मिली है और जिन्होंने भारतीय संस्कृति और विरासत को पूरी दुनिया में बढ़ावा देने के लिए कई महान योजनाओं को अंजाम दिया है।

आज हिन्दी का दायरा 175 से भी अधिक देशों में फैल चुका है और इस व्यापक विस्तार में वैश्वीकरण का बड़ा योगदान है। वैश्वीकरण की संकल्पना में व्यापार, सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक विकास जैसे कई घटक हैं और इनके आपसी समन्वय, विचारों के आदान-प्रदान के लिए एक सशक्त और सक्षम भाषा अनिवार्य है। हिन्दी हमारी वह भाषा है।

हिन्दी बेहद ही मिश्र भाषा है। यही उसकी ताकत और विकास की वजह है। हमारी हिन्दी जब किसी संस्कृत की तत्सम शब्दावली से जुड़ती है, तो वह सबसे प्रबुद्ध भाषा के रूप में ऊभरती है और यदि किसी उर्दू शब्द के साथ जुड़ती है, तो संपूर्ण भारतीय उपमहाद्वीप में बोली और समझी जाने वाली भाषा के रूप में। हिन्दी का यही चरित्र उसे व्यापक और वैश्विक भूमिका में ला खड़ा करता है।

हालांकि, अभी केवल शुरुआत हुई है। वैश्वीकरण के इस दौर में भारत का सामर्थ्य जैसे-जैसे बढ़ेगा, हिन्दी समेत सभी भारतीय भाषाएंं और अधिक व्यापक होगी।

आज के समय में हिन्दी के सामने सबसे बड़ी चुनौती अंग्रेजी की है। लेकिन हमें उससे डरने की जरूरत नहीं है। क्योंकि हमारे नीति-निर्धारक से लेकर बहुराष्ट्रीय कंपनियों को चलाने वाले लोग तक, यह भली-भाँति समझ चुके हैं कि हिन्दी की संवेदनात्मक शक्ति को अब दबाया नहीं जा सकता है। हम हिन्दी जैसी जनभाषा को सीमित और संकुचित नहीं कर सकते हैं।

और पढ़े  व्हाट्सएप: अब होगी व्हाट्सएप से भी कमाई, चैनल होंगे मोनेटाइज, आ रहे हैं ये 3 फीचर्स

यही कारण है कि कभी श्रेष्ठता और आधुनिकता का पर्याय माने जाने वाली अंग्रेजी भाषा के 19 प्रतिशत के मुकाबले हिन्दी और अन्य भारतीय भाषाओं का वार्षिक विकास दर 90 प्रतिशत से भी अधिक है और आँकड़े बताते हैं कि आने वाले कुछ वर्षों में हिन्दी अंग्रेजी को कहीं पीछे छोड़ देगी।

हालांकि, हिन्दी के विकास में अभी भी कई मूलभूत चुनौतियां हैं। हमें उनका समाधान जल्द से जल्द ढूंढ़ना होगा। ऐसी ही पहली जरूरत है – हिन्दी को हमारी राष्ट्र भाषा के रूप में स्वीकृत करना और हिन्दी एवं अन्य सभी भारतीय भाषाओं के आपसी संबंधों को मजबूत करते हुए, एक एकीकृत शब्दावली बनाने पर बल देना।


Spread the love
  • Related Posts

    हॉट एयर बैलून: ब्राजील में 21 यात्रियों को लेकर जा रहे हॉट एयर बैलून में लगी आग,8 लोगों की मौत

    Spread the love

    Spread the love     ब्राजील के दक्षिणी राज्य सांता कैटरीना में शनिवार को 21 यात्रियों को ले जा रहे हॉट एयर बैलून में आग लग गई। हादसे में कम…


    Spread the love

    गुरुग्राम में पलटी बस,बीच से फट गई गाड़ी की छत, पुलिसकर्मी की मौत, 20 लोग घायल

    Spread the love

    Spread the love   गुरुग्राम एनएच-48 स्थित पचगांव चौक के पास शनिवार की सुबह करीब 9.30 बजे दिल्ली से जयपुर की ओर जा रही राजस्थान परिवहन निगम की बस एक…


    Spread the love

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    error: Content is protected !!