उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने घरेलू विवाद मामले में डॉ. राजेश मोहन बनाम श्रीमती निधि कला का वाद फैमिली कोर्ट देहरादून से हल्द्वानी की कोर्ट ट्रांसफर किए जाने के मामले में दायर याचिका पर सुनवाई के बाद देहरादून से हल्द्वानी की कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया है। न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई।
मामले के अनुसार हल्द्वानी निवासी निधि काला ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि उसकी और प्रतिवादी की शादी 9 जुलाई 2022 को हल्द्वानी जिला नैनीताल में हुई थी। वे दोनों लगभग 3-4 माह ओमान में रहे उसके बाद उनके रिश्ते में तनाव आ गया। जिसके बाद याचिकाकर्ता वापस हल्द्वानी आ गई। उसने 29 मई 2025 को महिला हेल्पलाइन पर प्रतिवादी के खिलाफ उत्पीड़न की शिकायत की। इसके बाद प्रतिवादी ने देहरादून की कोर्ट में तलाक के लिए मुकदमा दायर किया।
याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि वह सीमित साधनों वाली व्यक्ति है। वह प्रतिवादी के साथ रहना चाहती है और देहरादून नहीं आ जा सकती है इसलिए उस मामले को हल्द्वानी ट्रांसफर किया जाए।
इस संबंध में प्रतिवादी की ओर से लगाए गए आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता बिना किसी पर्याप्त कारण के अलग रह रही है। उसने अपने ही कर्म से दोनों पक्षों की शादीशुदा जिंदगी बर्बाद कर दी है। प्रतिवादी के अनुसार, वह ओमान में नौकरी करता है। उसने अपने बूढ़े पिता को पावर ऑफ अटॉर्नी होल्डर नियुक्त किया है, जो 73 साल के हैं और कई बीमारियों से पीड़ित हैं। प्रतिवादी की ओर से कहा गया कि हल्द्वानी में एक काउंसलिंग सेशन में प्रतिवादी और उसके परिवार के सदस्यों पर हमला किया गया था। संभावना है कि जब प्रतिवादी के पिता हल्द्वानी में कार्यवाही में पेश होंगे, तो याचिकाकर्ता और उसकी मां उन्हें नुकसान पहुंचा सकती हैं।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता का कहना था कि याचिकाकर्ता एक बेरोजगार अकेली महिला है वह हल्द्वानी में अपने माता-पिता के घर में रह रही है। याचिका में कहा कि तलाक का जो मुकदमा है वह प्रतिवादी ने देहरादून कोर्ट में दायर किया है। प्रतिवादी ओमान में रहता है और उसे हल्द्वानी में कार्यवाही में पेश होने में कोई असुविधा नहीं होगी। प्रतिवादी की ओर से कहा गया कि वह विदेश में काम कर रहा है। वह एक हॉस्पिटल में डॉक्टर है। उसे लिमिटेड छुट्टी मिलती है। कई बार तो उसके लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यवाही में शामिल होना भी संभव नहीं होता। कोर्ट ने माना कि अगर केस को देहरादून की कोर्ट से हल्द्वानी की कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया जाए तो न्याय के हित में बेहतर होगा। कोर्ट ने डॉ. राजेश मोहन बनाम श्रीमती निधि कला को फैमिली कोर्ट, देहरादून से हल्द्वानी की कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया।









