नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में आरोपी दंपती समेत तीन दोषियों को न्यायालय ने 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। दोषियों पर जुर्माना भी लगाया है और इसे अदा न करने पर अतिरिक्त कैद भी भुगतनी होगी। न्यायालय ने राज्य सरकार को पीड़िता को एक लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया है, जो 30 दिनों के भीतर अदा करने के लिए कहा है। फास्ट ट्रैक विशेष अदालत (पोक्सो) धर्मशाला के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश नितिन मित्तल की अदालत ने यह फैसला सुनाया है।
दोषी महिला ने दुष्कर्म के बाद पीड़िता के कपड़े जलाए और छिपा कर सबूतों को नष्ट करने का प्रयास किया था। अक्तूबर 2023 को कांगड़ा जिला के एक पुलिस थाना में पीड़िता के जीजा ने शिकायत दर्ज करवाई थी। शिकायत में कहा था पीड़िता 4 सितंबर 2023 को अपनी गर्भवती बड़ी बहन की सहायता के लिए जीजा के घर आई थी और वहीं रह रही थी।
इसके बाद पहली जनवरी 2024 को पीड़िता के पिता और रिश्ते में मामा उसे अपने साथ ले गए। इसके बाद दो दिन तक पीड़िता से संपर्क नहीं हो पाया। जब उन्होंने फोन पर बातचीत की तो पीड़िता ने बताया कि उसके साथ गलत कार्य किया गया है। अभियोजन पक्ष की ओर से मामले की पैरवी विशेष जिला न्यायवादी नवीना राही ने की। नायब अदालत से यशपाल ने उनका सहयोग किया।









