कोरोना महामारी की दूसरी लहर से जूझ ही रहा है कि डेल्टा प्लस के रूप में तीसरी लहर आने की आशंका पैदा हो गई है। ऐसे में केंद्र सरकार ने राज्यों को सतर्क करना शुरू कर दिया है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने आठ राज्यों के मुख्य सचिवों को चिट्ठी लिखकर डेल्टा प्लस से निपटने की तैयारी रखने के निर्देश दिए हैं। टेस्टिंग, ट्रैकिंग और वैक्सीनेशन (टीवीटी) पर जोर दिया गया है।
कोरोना महामारी का कहर कहां जाकर थमेगा, यह कोई बताने की स्थिति में नहीं है। वायरस के नए नए रूपों ने इंसान को बड़े संकट में डाल दिया है। अब डेल्टा प्लस के रूप में नया खतरा दस्तक दे चुका है। इसे देखते हुए केंद्र सरकार सजग हो गई है। उसने राज्यों को भी सतर्क किया है। देश के 12 राज्यों में डेल्टा प्लस के अब तक 52 मामले सामने आ चुके हैं।
11 जिलों को किया आगाह
राज्य: आंध्रप्रदेश, गुजरात, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, कर्नाटक, राजस्थान और तमिलनाडु
11 जिले: तमिलनाडु का मदुरई, कांचीपुरम, चेन्नई। राजस्थान का बीकानेर, कर्नाटक का मैसूरु, पंजाब का पटियाला और लुधियाना, जम्मू कश्मीर का रियासी, हरियाणा का फरीदाबाद, गुजरात का सूरत और आंध्र का तिरुपति।
पहले मप्र, महाराष्ट्र व केरल को किया था अलर्ट
दो दिन पहले स्वास्थ्य मंत्रालय ने मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और केरल को अलर्ट किया था। महाराष्ट्र, केरल और मध्य प्रदेश को डेल्टा प्लस से सतर्क रहने को कहा गया है।
यह उपाय करें राज्य सरकारें
केंद्रीय स्वासथ्य सचिव राजेश भूषण ने अपनी चिट्ठी में कहा है कि नए वैरिएंट के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इससे निपटने के लिए टेस्टिंग, ट्रैकिंग और वैक्सीनेशन की रफ्तार तेज करें। जहां भी डेल्टा प्लस के केस मिले, वहां सख्त कंटेनमेंट के इंतजाम किए जाएं।