नैनीताल / हल्द्वानी : भाजपा जिलाध्यक्ष के घर धमाके के 2 दिन बीत जाने पर भी पुलिस के हाथ अभी तक खाली ।

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भाजपा जिलाध्यक्ष प्रदीप बिष्ट के हीरानगर स्थित आवास में मंगलवार रात करीब पौने 12 बजे हुए जबर्दस्त धमाके से पूरा इलाका दहल गया। घर के छह दरवाजे और खिड़कियों के शीशे टूट गए। पंखों की ब्लेडें (फर) तक मुड़ गईं। विस्फोट इतना जबर्दस्त था कि पड़ोसी के घर की दीवार भी टूट गई। डीएम धीराज गर्ब्याल और एसपी सिटी डॉ. जगदीश चंद्र सहित पुलिस के अधिकारी रात में ही मौके पर पहुंच गए थे। 18 घंटे की जांच-पड़ताल के बाद भी पुलिस-प्रशासन के लोग यह पता नहीं लगा पाए कि आखिर धमाके की वजह क्या थी।
भाजपा जिलाध्यक्ष प्रदीप बिष्ट सुशीला तिवारी अस्पताल में एक मरीज को देखने के बाद रात में अपने दोस्त के साथ घर लौटे थे। रात पौने 12 बजे के करीब वह सोने जा रहे थे कि घर के एक कमरे में तेज धमाका हो गया। बगल के कमरे में सो रहे प्रदीप बिष्ट के तीनों बच्चों की नींद टूट गई और वे रोने लगे। प्रदीप बिष्ट ने पूजा घर और किचन के पास पर्दों में लगी आग को बुझाया और खुद परिवार के साथ बाहर निकल गए। धमाके की आवाज सुनकर प्रथम तल पर रहने वाले प्रदीप के भाई कंचन सिंह बिष्ट और दोनों किराएदारों की भी नींद टूट गई। तेज आवाज सुनकर पड़ोस के लोग भी बाहर निकल आए। प्रदीप बिष्ट ने पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को घटना से अवगत कराया। सूचना पर पहुंची पुलिस के मौका मुआयना करने पर पता चला कि किचन, पूजा घर और दो कमरों के छह दरवाजे टूटकर अलग हो गए थे। खिड़कियों के शीशे टूटकर दूर तक बिखर गए थे। भूतल स्थित प्रदीप बिष्ट का कमरा सुरक्षित बचा था। पड़ोसी राजीव खंडेलवाल के छत की दीवार भी टूट गई थी। डीआईजी नीलेश आनंद भरणे, एसपी सिटी डॉ. जगदीश चंद्र, सीओ शांतनु पाराशर सहित अन्य अधिकारियों ने भी घटनास्थल का मुआयना किया। इसके बाद ऊधमसिंह नगर जिले से उपनिरीक्षक विजय शंकर यादव की अगुवाई में आठ सदस्यीय टीम तीन डॉग स्क्वायड के साथ मौके पर पहुंची। डॉ. दयाल शरण के नेतृत्व में फॉरेंसिक टीम ने मौके से साक्ष्य इकट्ठा किए। आईटीबीपी हल्दूचौड़ की टीम ने भी एएसआई पंकज के नेतृत्व में जांच की लेकिन 18 घंटे की जांच में अब तक कोई निष्कर्ष नहीं निकल सका है।
धारा 436 के तहत मुकदमा दर्ज
हल्द्वानी। भाजपा जिलाध्यक्ष प्रदीप बिष्ट की तहरीर पर पुलिस ने उनके घर पर हुए धमाके के मामले में धारा 436 के तहत मुकदमा दर्ज किया है। यदि कोई किसी के मकान को अग्नि या किसी विस्फोटक से जलाने और नष्ट करने की कुचेष्टा करता है तो उसे भारतीय दंड संहिता की धारा 436 के तहत आजीवन कारावास या दस वर्ष तक की सजा हो सकती है। साथ में जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
अब तक की जांच में किसी प्रकार की आईईडी विस्फोट के साक्ष्य नहीं मिले हैं। विस्फोट का केंद्र बिंदु किचन था। प्राथमिक दृष्टि से गैस के रिसाव से ही विस्फोट की आशंका है। सभी जांच एजेंसियों की रिपोर्ट मंगाई जाएगी।

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-नीलेश आनंद भरणे, डीआईजी
जांच की अलग-अलग थ्योरी
हल्द्वानी। फॉरेंसिक एक्सपर्ट का कहना था कि गैस रिसाव के चलते धमाका हुआ। हालांकि, गैस कंपनी के सेफ्टी ऑफिसर ने फॉरेंसिक एक्सपर्ट की राय को नकार दिया। वहीं, आईटीबीपी का कहना है कि मौके पर कोई विस्फोटक नहीं मिला है।
प्रशिक्षित कुत्ते भी सूंघकर बैठ गए
हल्द्वानी। भाजपा जिलाध्यक्ष प्रदीप बिष्ट के घर हुए धमाके का राज जानने के लिए बम डिस्पोजल की टीम ने प्रशिक्षित तीन डॉग स्क्वायड से जांच की लेकिन वे भी इधर-उधर सूंघकर बैठ गए। बताया जाता है कि विस्फोटक या केमिकल की गंध करीब आठ घंटे तक सूंघने लायक रहती है।
यह भी कहा जा रहा है कि पुलिस घंटों बाद भी घटनास्थल को सुरक्षित नहीं रख पाई। वहां लोगों की भीड़ लगी रही। पुलिस तब जागी जब डीआईजी नीलेश आनंद भरणे मौके पर पहुंचे। इसके बाद ही पुलिस ने घटनास्थल पर लोगों की आवाजाही पर रोक लगाई।
डीआईजी ने डीजीपी और एनआईए को भेजी वीडियो रिकॉर्डिंग
हल्द्वानी। एसएसपी प्रीति प्रियदर्शिनी के अवकाश पर जाने के कारण डीआईजी नीलेश आनंद भरणे ने धमाके की जांच की कमान खुद ही संभाली। उन्होंने वीडियो रिकॉर्डिंग भेजकर डीजीपी और नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) के वरिष्ठ अधिकारियों को घटना से अवगत कराया। डीआईजी ने बताया कि बरेली से सेना की जांच टीम को बुलाने के लिए भी पत्र भेजा गया है। आईटीबीपी, ऊधमसिंह नगर जिला पुलिस की टीम, फॉरेंसिक टीम जांच कर चुकी है। पंतनगर विश्वविद्यालय से भौतिकी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. आरसी श्रीवास्तव और डॉ. जीसी जोशी ने भी मुआयना किया। हालांकि, वे भी घटनास्थल को देखने के बाद पता नहीं लगा सके कि धमाके की वजह क्या थी।

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