रामनगर के सरकारी अस्पताल में संचालित हो रहा ब्लड बैंक बिना लाइसेंस के चल रहा है। नवंबर महीने से ब्लड बैंक में कोई मेडिकल ऑफिसर नहीं है और बिना मेडिकल ऑफिसर के साइन ब्लड लिया और दिया जा रहा है। इसका पता तब चला जब देहरादून से ब्लड बैंक का निरीक्षण करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम रामनगर पहुंची।ब्लड ट्रांसफिजन सर्विस उत्तराखंड के असिस्टेंट डायरेक्टर डॉ. प्रदीप हटवाल अपनी टीम के साथ शनिवार को रामनगर के सरकारी अस्पताल पहुंचे। टीम ने ब्लड बैंक के दस्तावेज खंगाले, जिसमें पता चला कि ब्लड बैंक बिना लाइसेंस से चल रहा है और नवंबर से ब्लड बैंक में कोई भी मेडिकल ऑफिसर तैनात नहीं है। बिना मेडिकल ऑफिसर के साइन से ही ब्लड लिया और दिया जा रहा है, जो पूरी तरह से गैरकानूनी है। डॉ. प्रदीप हटवाल ने बताया कि रामनगर के सरकारी अस्पताल को ब्लड बैंक का लाइसेंस दो साल पहले मिल गया था लेकिन तब अस्पताल पीपीपी मोड पर नहीं था। अब अस्पताल को पीपीपी मोड के तहत मैसर्स शुभम सर्वम मेडिकल प्रोजेक्ट संचालित कर रही है। नियम के तहत सरकारी अस्पताल के ब्लड बैंक के लाइसेंस को पहले सरेंडर करना था और बाद में मैसर्स शुभम सर्वम मेडिकल प्रोजेक्ट को दोबारा लाइसेंस के लिए आवेदन करना था। पता चला कि आवेदन तो किया गया लेकिन अब तक लाइसेंस नहीं लिया गया। अस्पताल के सीएमएस डॉ. चंद्रा पंत ने बताया कि इस मामले की जानकारी पीपीपी मोड के संचालक से ली जा रही है, जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
नैनीताल / रामनगर : सरकारी अस्पताल में चल रहे ब्लड बैंक का नहीं है कोई लाइसेंस।।
