कोरोना काल में एक ओर जहां कोरोना योद्धाओं ने अपनी जान और परिवार की परवाह किए बगैर लोगों के लिए काम किया तो कुछ ऐसी भी घटनाएं सामने आईं जिनके बारे में सुनकर आपके मन में विचार आएगा कि आखिर ये इंसान ही हैं न?
इस दौरान ऐसी कोई चीज नहीं जो नकली बेचे जाने की कोशिश न की गई हो। जीवन रक्षक दवा रेमडेसिविर, सैनिटाइजर, ग्लव्स, पीपीई किट ही नहीं यहां तक कि अग्निशमन यंत्र रंग कर और उसे ऑक्सीजन सिलिंडर के नाम से बेचने के मामले सामने आए हैं।
न्यू भारत आप से निवेदन करता है…. आप अपनी आंख बंद कर किसी पर विश्वास न करें और चीजों के उपयोग को लेकर सावधानी बरतें.
दिल्ली के डाबड़ी थाना पुलिस ने कबाड़ी मार्केट व निजी अस्पताल से इस्तेमाल सर्जिकल ग्लव्स को खरीद उसे धोकर सप्लाई करने वाले एक गैंग का खुलासा किया है। पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने दो जगहों पर स्थित गोदामों में दबिश देकर वहां से 848 किलो इस्तेमाल ग्लव्स बरामद किए हैं। पुलिस तीनों आरोपियों से पूछताछ कर धंधा में जुड़े अन्य लोगों की पहचान कर उनकी गिरफ्तारी का प्रयास कर रही है।
गाजियाबाद के लोनी के ट्रॉनिका सिटी स्थित इस्तेमाल हैंड ग्लव्स को रिसाइकल कर बेचने वाली फैक्टरी पर 5 मई सुबह पुलिस ने छापा मारा है। पुलिस ने फैक्टरी से संचालक समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। फैक्टरी से करीब 15 लाख की कीमत के दो ट्रक हैंड ग्लव्स, चार मशीनें बरामद हुए है। आरोपी दिल्ली के अस्पतालों से इस्तेमाल हैंड ग्लव्स लाकर लोनी रिसाइकल करते थे। पुलिस ने फैक्टरी को सील किया है।